राजस्थान से जुड़े तीन होनहार किशोरों ने ऐसा कमाल कर दिखाया है कि प्रदेश और देश का नाम रोशन हुआ है। अजमेर और जयपुर से जुड़े वरिष, आदित्य और अनीशा ने मिलकर स्मार्ट-इक्विटी नामक नवाचारी शोध तैयार किया है, जिसे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है।
जयपुर। राजस्थान से जुड़े तीन होनहार किशोरों ने ऐसा कमाल कर दिखाया है कि प्रदेश और देश का नाम रोशन हुआ है। अजमेर और जयपुर से जुड़े वरिष, आदित्य और अनीशा ने मिलकर स्मार्ट-इक्विटी नामक नवाचारी शोध तैयार किया है, जिसे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है।
इन छात्रों का शोध पत्र स्मार्ट-इक्विटी संरचित और असंरचित बाजार विश्लेषण के लिए तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रतिष्ठित विश्व कौशल सम्मेलन में प्रस्तुत करने के लिए चुना गया। यह सम्मेलन इंदौर में आयोजित हुआ है, जहां कंप्यूटर विज्ञान और डेटा विश्लेषण के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
स्मार्ट-इक्विटी एक ऐसी नवाचारी प्रणाली है जो शेयर बाजार और वित्तीय निर्णयों में सहायता करती है। अब तक शेयर बाजार का विश्लेषण केवल आंकड़ों, कंपनियों के वित्तीय विवरण और आर्थिक संकेतकों पर आधारित होता था। लेकिन स्मार्ट-इक्विटी इन परंपरागत तरीकों को बदलता है। यह प्रणाली विशेषज्ञ रिपोर्ट, बैठकों और वित्तीय समाचारों का भी विश्लेषण करती है और उन जानकारियों के आधार पर निवेश और बाजार की भविष्यवाणी करने में मदद करती है।
वरिष (अजमेर से जुड़े, वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं), आदित्य और अनीशा (बेंगलुरु में रहते हैं, जयपुर से जुड़ाव) अभी स्कूल स्तर के छात्र हैं। वरिष और आदित्य ने मशीन लर्निंग, प्राकृतिक भाषा संसाधन और डेटा विश्लेषण में विशेष काम किया। अनीशा ने वित्तीय बाजार, शेयर विश्लेषण और नवाचारी तकनीक में गहरी पकड़ बनाई।
वरिष ने बताया कि स्मार्ट-इक्विटी सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि सोच में बदलाव है। हमारा उद्देश्य था कि इसका लाभ जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पहुंचे। अनीशा बताती हैं, वित्त के क्षेत्र में एक गलत निर्णय करोड़ों का नुकसान कर सकता है। स्मार्ट-इक्विटी निर्णयों को और अधिक सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आदित्य कहते हैं, स्मार्ट-इक्विटी ने वित्तीय दस्तावेजों में छिपी महत्वपूर्ण जानकारियों को उजागर किया है, जिससे यह वैश्विक मंच पर चर्चा का विषय बनता है।
टीम अब इस शोध को और आगे बढ़ाकर वास्तविक समय में डेटा प्रोसेसिंग और उन्नत तकनीक के माध्यम से और सटीक बनाने का प्रयास कर रही है। इससे यह प्रणाली निवेशकों, नीति-निर्माताओं और आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णयों में सहायक बन सकती है।