ट्रेनों में स्लीपर से ज्यादा एसी कोच में वेटिंग चल रही है। ऐसे में समर सीजन में ट्रेनों में कंफर्म सीट मिलना अब ‘मिशन इंपॉसिबल’ हो गया है। सीट नहीं मिलने पर कई यात्रियों ने गर्मी की छुट्टियों में ट्रेन से यात्रा करने की योजना ही रद्द कर दी है।
गर्मी की छुट्टियों के चलते रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ में भारी इज़ाफा हुआ है, लेकिन रेलवे की तैयारियां उस अनुपात में नाकाफी साबित हो रही हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में जयपुर से काठगोदाम, मुंबई, पुणे, गुवाहाटी, हावड़ा, पटना, लखनऊ सहित कई शहरों के लिए चलने और गुजरने वाली अधिकतर लंबी दूरी की ट्रेनें फुल चल रही हैं। ऐसे में समर सीजन में ट्रेन की कंफर्म मिलना अब नामुमकिन होने लगा है।
कंफर्म टिकट पाने के लिए यात्रियों को मशक्कत करनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि एसी तो छोड़िए, स्लीपर कोच की बुकिंग में भी लंबी वेटिंग लिस्ट देखने को मिल रही है। जयपुर-यशवंतपुर और जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट जैसी कुछ ट्रेनों में तो थर्ड एसी कोच में स्लीपर से भी ज्यादा वेटिंग है। यही हाल जयपुर आने वाली कई ट्रेनों का भी है, जैसे मुंबई, हावड़ा, बेंगलूरु, मैसूर और गुवाहाटी से आने वाली ट्रेनें। इस भीड़भाड़ और सीटों की कमी के चलते कई यात्रियों ने गर्मी की छुट्टियों में ट्रेन से यात्रा करने की योजना ही रद्द कर दी है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे को इस सीजन में बेहतर और ठोस इंतजाम करने चाहिए थे।
उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि बढ़ती भीड़ को देखते हुए कई ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े गए हैं और लगभग एक दर्जन स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। स्टेशनों पर भी भीड़ नियंत्रण के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं। रेलवे का दावा है कि अगले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू की ओर जाने वाली ट्रेनों में कुछ समय के लिए भीड़ कम हुई थी, लेकिन अब वहां भी वेटिंग फिर बढ़ गई है। गलताधाम पूजा एक्सप्रेस में स्लीपर में वेटिंग 70 और थर्ड एसी में 40 तक पहुंच चुकी है। इसी प्रकार, वैष्णोदेवी कटरा आने-जाने वाली ट्रेनों में भी यात्रीभार दोबारा बढ़ा है।
जयपुर-मुंबई रूट
जयपुर-यशवंतपुर ट्रेन: स्लीपर में वेटिंग 100, थर्ड एसी में 103
जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट: स्लीपर में 101, थर्ड एसी में 110
जयपुर-बांद्रा टर्मिनस: स्लीपर में 90, एसी में 75
जयपुर-हावड़ा रूट
अजमेर-सियालदाह: स्लीपर में 100, एसी में 40
बीकानेर-हावड़ा: स्लीपर में 80, एसी में 50 से अधिक वेटिंग