Rajasthan News: भरतपुर जिले के बलवंतगढ़ निवासी और ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र सैनी ने 15 सितंबर को ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी।
Rajasthan News: दौसा रेलवे स्टेशन पर हुई ट्रेनी SI की दर्दनाक घटना के कार्ण राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। भरतपुर जिले के बलवंतगढ़ निवासी और ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र सैनी ने 15 सितंबर को ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। यह घटना न सिर्फ एक परिवार की उम्मीदों का अंत है, बल्कि राजस्थान के युवाओं की टूटी हुई उम्मीदों और सरकारी सिस्टम की असंवेदनशीलता की भी काली तस्वीर पेश करती है।
इसी मुद्दे को लेकर शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखा है। भाटी ने इस आत्महत्या को सीधे तौर पर 2021 सब-इंस्पेक्टर भर्ती रद्द होने के फैसले का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार और सिस्टम की खामियों का खामियाजा मेहनती और प्रतिभाशाली युवाओं को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है।
विधायक रविन्द्र भाटी ने लिखा कि राजेंद्र सैनी जैसे युवा की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं थी। 2018 में सब-इंस्पेक्टर भर्ती में 450वीं रैंक लाने के बावजूद सीटों की कमी के चलते चयन न होने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी। 2021 में 162वीं रैंक लाकर आखिरकार सफलता हासिल की और धौलपुर में सेवा प्रारंभ की। इतना ही नहीं, 2023 में फर्स्ट ग्रेड परीक्षा में भी चयन हुआ, लेकिन उन्होंने सब-इंस्पेक्टर पद को प्राथमिकता देते हुए वह अवसर छोड़ दिया।
लेकिन जब 2021 की भर्ती को पेपर लीक घोटाले की आड़ में रद्द कर दिया गया, तब उनके जीवन की बुनियाद ही हिल गई। भाटी ने सवाल उठाया कि, “क्या यह न्याय है कि 60-70 दोषियों को पकड़ने के लिए 90% से अधिक निर्दोष उम्मीदवारों की मेहनत, भविष्य और जीवन कुर्बान कर दिया जाए?"
भाटी ने पत्र में लिखा कि प्रदेश के युवा आज धरने-प्रदर्शन और आत्महत्या जैसे रास्ते अपनाने को मजबूर हैं। न भर्तियाँ समय पर निकलती हैं, न परीक्षाएँ पारदर्शी ढंग से होती हैं, और अगर होती भी हैं तो पेपर लीक, कोर्ट केस या प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ जाती हैं।
उन्होंने लिखा कि युवा शहीद स्मारक पर धरना देते हैं, लेकिन न पक्ष, न विपक्ष, कोई भी नेता उनकी सुध लेने नहीं जाता। यह स्थिति प्रदेश के लिए बेहद खतरनाक है। आने वाले समय में यह निराशा और गुस्सा पूरे सामाजिक ढाँचे को हिला सकता है।
रविन्द्र सिंह भाटी ने मुख्यमंत्री से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की अपील करते हुए प्रदेश की सरकार के आगे तीन प्रमुख मांगें रखीं-
1.राजेंद्र सैनी के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
2.2021 सब-इंस्पेक्टर भर्ती रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार कर निर्दोष अभ्यर्थियों को न्याय दिया जाए।
3.युवाओं के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध बनाई जाए।
वहीं, एक ओर सरकार पेपर लीक माफिया पर कार्रवाई का दावा कर रही है, दूसरी ओर मेहनती और योग्य युवाओं के सपनों को दरकिनार किया जा रहा है। सवाल यह है कि क्या कुछ दोषियों को पकड़ना ही पर्याप्त है, या फिर निर्दोष युवाओं के भविष्य की भी जिम्मेदारी सरकार की है?