transfer policy: कुछ विभागों में स्थानांतरण पर प्रतिबंध के बावजूद ‘रिक्त पदों पर समायोजन’ या ‘एपीओ की सुविधा’ का दुरुपयोग कर चुनिंदा कर्मचारियों को सुविधाजनक स्थानों पर तैनात किया जा रहा था।
Transfer Ban: राज्य सरकार ने कर्मचारियों की मनचाही पोस्टिंग की कोशिशों पर अब पूरी तरह लगाम कसने का मन बना लिया है। प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग की शासन सचिव उर्मिला राजोरिया द्वारा जारी आदेश के अनुसार, "स्थानांतरण बैन की अवधि में किसी भी कर्मचारी को "एपीओ" (आदेश की प्रतीक्षा) में रखकर या किसी अन्य तकनीकी उपाय के जरिए मनचाहे स्थान पर पदस्थापित करना अब सीधे-सीधे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।"
यह आदेश उन अधिकारियों के लिए भी चेतावनी है जो राजनीतिक या आंतरिक दबाव में कर्मचारियों को पसंदीदा पदस्थापन दिलवा रहे थे। अब ऐसी किसी भी प्रक्रिया को सरकार की अवमानना माना जाएगा और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि कुछ विभागों में स्थानांतरण पर प्रतिबंध के बावजूद ‘रिक्त पदों पर समायोजन’ या ‘एपीओ की सुविधा’ का दुरुपयोग कर चुनिंदा कर्मचारियों को सुविधाजनक स्थानों पर तैनात किया जा रहा था। सरकार की इस नई सख्ती से अब यह खेल पूरी तरह बंद होने की संभावना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से पारदर्शिता बढ़ेगी और सभी कर्मचारियों को समान अवसर मिलेगा। अब देखना यह है कि सरकार इस आदेश पर कितनी सख्ती से अमल करवाती है और क्या इससे वाकई ‘पोस्टिंग की सियासत’ खत्म हो पाएगी।