महत्वाकांक्षी सैटेलाइट टाउन योजना (Satellite Town Scheme Jaipur) को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है। सरकार द्वारा इसके डवलपमेंट की कवायद शुरू कर दी गई है। मंगलवार (11 जून) को सचिवालय में हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई है।
Satellite Town Scheme Jaipur :महत्वाकांक्षी सैटेलाइट टाउन योजना को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है। सरकार द्वारा इसके डवलपमेंट की कवायद शुरू कर दी गई है। मंगलवार को सचिवालय में हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई है। जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार इसके लिए वर्ल्ड बैंक से 1 हजार करोड़ रुपए का लोन लेंगे। मास्टर प्लान में 11 सैटेलाइट टाउन चिन्हित किए हुए हैं। नई प्लानिंग में इनकी संख्या बढ़ेगी। नगर पालिका, परिषद को डेवलप करेंगे।
इसमें बैंक प्रतिनिधियों को सैटेलाइट टाउन डवलपमेंट का कंसेप्ट समझाया गया। हालांकि, अभी कई दौर की बातचीत और होगी। इसमें जयपुर शहर के 75 किलोमीटर के दायरे में सैटेलाइट टाउन विकसित करेंगे। रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, बड़े पार्क, शॉपिंग सेंटर, मॉल्स व अन्य जुड़ी सुविधा वहीं मिले। बैठक में नगरीय विकास मंत्री, अफसर और वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि शामिल रहे।
जयपुर में बढ़ती आबादी से निपटने के लिए राज्य सरकार जयपुर से सटे छोटे शहरों और कस्बों की पहचान कर उन्हें सैटेलाइट टाउन बनाने का मास्टरप्लान लेकर आई थी। इसमें 11 सैटलाइट टाउन और 4 ग्रोथ सेंटर के लिए छोटे शहर और कस्बे चिह्नित किए गए थे। इसके पीछे मंतव्य यही था कि जयपुर के आसपास के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के लिए जयपुर नहीं आना पड़े। उन्हें अपने कस्बे में ही यह सुविधा मिल सके। ताकि इससे जयपुर शहर पर दबाव कम हो सके। हालांकि यह प्लान अभी बेहद ही शुरुआती स्टेज में है। विभाग इसे 2041 तक पूरा करने का लक्ष्य लेकर काम कर रहा है।
ये हैं सैटेलाइट टाउन और ग्रोथ सेंटर
मास्टरप्लान में अचरोल, भानपुर कलां, जमवारामगढ़, बस्सी, कानोता, वाटिका, बगरू, कालवाड़, कूकस, जाहोता और चौमूं के सैटेलाइट टाउन चिन्हित किया गया है। इसी तरह बगवाड़ा, चौंप, पचार, शिवदासपुरा व चंदलाई को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित किया जाना है।