Motivational Story: मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी युसूफ खान मेवाती के भपंग वादन के कायल हुए बिना नहीं रहे। एक कार्यक्रम में उन्होंने जुकरबर्ग को भपंग की धुनों से मोहित किया था।
Bhapang Player Yusuf Khan Mewati: कहते हैं कि अगर इंसान कुछ कर गुजरने की ठान ले तो फिर मंजिल तक पहुंचकर ही रहता है। कुछ ऐसी ही सफलता की कहानी है युवा भपंग वादक युसूफ खान मेवाती की। जिन्होंने छोटी उम्र में ही विदेशी धरती पर भारत का परचम लहराया है।
हाल ही एक कार्यक्रम के सिलसिले में जयपुर आए युसूफ ने पत्रिका प्लस से एक्सीपरियंस शेयर किए। उन्होंने बताया कि पिता की विरासत को जिंदा रखने के लिए उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ भपंग को थाम लिया। उन्होंने कहा कि मेरे पिता भी यही चाहते थे कि मैं भपंग को सिर का ताज बनाऊं।
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी युसूफ खान मेवाती के भपंग वादन के कायल हुए बिना नहीं रहे। एक कार्यक्रम में उन्होंने जुकरबर्ग को भपंग की धुनों से मोहित किया था। इसके अलावा डीडी 1 चैनल पर धारावाहिक ’जानो अपना देश सुनो कहानी’ के साथ इंडियाज गॉट टैलंट 2010 में सेमीफाइनल तक अपनी प्रस्तुति से भपंग को नई पहचान दिलाई।
इसके अलावा कई नामी कलाकारों के साथ भी फिल्मों में काम करने का मौका मिल चुका है। उन्हें राजस्थान संगीत नाटक अकादमी सहित 2024 में दिल्ली संगीत नाटक अकादमी की ओर से उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा राष्ट्रीय पुस्स्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही देश विदेश के कलाकारों के साथ मंच साझा किया।
युसूफ खान विश्व विख्यात भपंग वादक जहूर खान मेवाती के पोते और उमर फारुख मेवाती के पुत्र हैं। जिनका जन्म मुस्लिम जोगी परिवार में हुआ। उन्हें भपंग वादन की कला विरासत में मिली है, उन्होंने अपने दादा जहूर खान मेवाती से भपंग वादन की तालीम ली।
युसूफ बताते हैं कि अपनी विरासत की चमक को बरकरार रखने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ी है। हालांकि उन्हें इसका जरा भी मलाल नहीं है। वह कहते हैं कि पिता ने इसलिए पढ़ाया-लिखाया था ताकि मैं काबिल बन सकूं और दुनिया को भपंग की धुनों पर झुमा सकूं।
दुनिया के 25 से ज्यादा देशों में अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को भपंग की धुनों से सराबोर करने वाले युसूफ 23 सितंबर को जापान में आयोजित होने वाले भव्य समारोह ’भारत पर्व’ में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।