Lakhpati Didi Yojana: केन्द्र व राज्य सरकार की योजना के तहत राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के प्रयासों से राजस्थान की नौ लाख से ज्यादा दीदियां मल्टी टास्क रोजगार के जरिए डिजिटल, टेक्नोलॉजी, कृषि और ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
MP और महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान में भी लखपति ‘दीदियां’ आत्मनिर्भर बनकर नई पहचान बना रही हैं। ये दीदियां बैंक सखी, पशु सखी बनकर लोगों की मदद कर रही हैं।
अब ड्रोन दीदी व सोलर दीदी बनकर भी गांव-ढाणी तक हरित क्रांति को आगे बढ़ा रही हैं। इन महिलाओं को सरकार ने लखपति दीदी योजना में प्रशिक्षण देकर एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी थी। अब यह एकल व समूह में कारोबार कर सालाना लाखों रुपए कमा रही हैं।
सरकार का प्रयास है कि स्वरोजगार से सफल लखपति दीदियों की पहचान अब मिलेनियर के रूप में आगे बढ़े। केन्द्र व राज्य सरकार की योजना के तहत राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के प्रयासों से राजस्थान की नौ लाख से ज्यादा दीदियां मल्टी टास्क रोजगार के जरिए डिजिटल, टेक्नोलॉजी, कृषि और ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
लखपति दीदी योजना: स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर सालाना एक लाख आय वाली महिला उद्यमी बनाना है।
सोलर दीदी योजना: ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा उपकरणों की मरम्मत, इंस्टॉलेशन व सेवा में भागीदारी।
ड्रोन दीदी योजना : खेतों की निगरानी, बीज व कीटनाशक छिड़काव के लिए महिलाओं को ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण देना।
(फोटो: पत्रिका)
लखपति दीदी तीन वर्षीय योजना (2024-27 )
केंद्र सरकार का लक्ष्य- 11.27 लाख
राज सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 में - 20 लाख
अब तक 17.36 लाख लखपति दीदी ट्रेनिंग ले चुकी हैं
30 जून तक- 9.27 लाख लखपति (46 प्रतिशत)
नौ लाख से ज्यादा महिलाएं सालाना कमा रहीं लाखों रुपए