
रेणुकाजी में चल रहा बांध का निर्माण कार्य, सीएम भजनलाल। फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan Good News : राजस्थान में यमुना नदी का पानी जल्द से जल्द लाने के लिए राज्य सरकार हर स्तर पर जुट गई है। एक तरफ जहां विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पांच माह में तैयार करने की समय सीमा तय कर दी गई है। वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बनाए जा रहे तीन प्रमुख बांधों के लिए भी 95 करोड़ रुपए (हिस्सा राशि) स्वीकृत कर दिए हैं। ताकि, यमुना पानी से जुड़े काम में किसी भी स्तर पर देरी नहीं हो।
यमुना नदी जलग्रहण क्षेत्र में रेणुकाजी (हिमाचल प्रदेश) और लखवार बांध (उत्तराखण्ड) का निर्माण किया जा रहा है। नदी में ज्यादा पानी आने पर बांध में पानी रोका जाएगा और इसी पानी को जरूरत के अनुसार राज्यों में सप्लाई के लिए छोड़ा जाएगा। प्रदेश को अपने हिस्से का पानी पूरे वर्ष उपलब्ध होने की संभावना बढ़ेगी। यमुना अपर रिवर बेसिन में राजस्थान के अलावा उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली शामिल हैं।
हथिनीकुंड बैराज से राज्य में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गठित टास्क फोर्स की तीसरी बैठक 30 जून को पंचकूला में हुई थी। इसमें राजस्थान और हरियाणा के अधिकारियों के बीच विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
यमुना नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तीन प्रमुख बांधों का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से अभी लखवार और रेणुकाजी बांधों का निर्माण कार्य चल रहा है। यमुना रिवर बोर्ड की इन परियोजनाओं की लागत 11320.46 करोड़ रुपए है। इसमें राजस्थान की कुल हिस्सेदारी 215.66 करोड़ रुपए है।
1- पहले चरण में राजस्थान के चूरू, सीकर, झुंझुनूं और अन्य क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए जल उपलब्ध होगा।
2- दूसरे चरण में चूरू जिले में 35000 हेक्टेयर और झुंझुनूं जिले में 70000 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।
जल संसाधन विभाग की टीम ने हरियाणा के इन्द्री हेड से सर्वे शुरू किया है। इसमें पहले चरण में हरियाणा से राजस्थान बॉर्डर तक लाइन का अलाइनमेंट तय होगा। इसकी दूरी करीब 300 किमी है।
Updated on:
20 Jul 2025 08:04 am
Published on:
20 Jul 2025 08:02 am
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