Jaisalmer: यह कहानी है एक ऐसे लड़के की, जिसके सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया। इसके बावजूद भी इस लड़के ने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी। अब यह लड़का अमेरिका जाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करेगा।
Jaisalmer: जैसलमेर जिले के धीरपुरा गांव निवासी रघुवीर सिंह चौहान ने अटूट हौसले और अपनी मेहनत से प्रेरणादायक मुकाम हासिल किया है। रघुवीर सिंह जब छोटे थे, तब ही उनके पिता की मौत हो गई थी। उसके बावजूद भी रघुवीर ने कभी हार नहीं मानी और अब वे पढ़ाई करने के लिए अमेरिका की प्रतिष्ठित कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में जाएंगे।
बता दें कि रघुवीर फ्रेस्नो में सिविल इंजीनियरिंग में मास्टर्स ऑफ साइंस की पढ़ाई के लिए चुने गए हैं। रघुवीर आगामी 30 जुलाई को अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगे। रघुवीर ने अपनी 10वीं की पढ़ाई इमैनुअल मिशन स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने 12वीं की पढ़ाई सीकर और सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर्स ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री चितकारा यूनिवर्सिटी (हिमाचल प्रदेश) से प्राप्त की।
रघुवीर ने बैचलर्स ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान कई तकनीकी प्रोजेक्ट्स पर काम किया। इससे उन्हें व्यवहारिक ज्ञान और प्रोफेशनल स्किल्स विकसित करने में मदद मिली। पढ़ाई पूरी करने के बाद रघुवीर ने मोहाली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियरिंग असिस्टेंट के रूप में नौकरी की। बताते चलें कि कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, फ्रेस्नो का सिविल इंजीनियरिंग प्रोग्राम अपने उच्च गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रम और आधुनिक चुनौतियों जैसे पर्यावरणीय स्थिरता, जोखिम प्रबंधन और परियोजना अर्थशास्त्र पर केंद्रित शिक्षण के लिए जाना जाता है।
रघुवीर की इस उपलब्धि पर जैसलमेर के पूर्व महारावल चैतन्यराज सिंह, शिव विधायक रवींद्र सिंह भाटी, जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी और पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से उन्हें बधाई दी। रघुवीर ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां, दादोसा और मामोसा को दिया।
रघुवीर ने कहा, 'मेरे जीवन के इस संघर्ष पूर्ण सफर का श्रेय मैं अपनी मां, दादोसा और मामोसा को देना चाहता हूं। उनके समर्थन और आशीर्वाद के बिना यह संभव नहीं था। मैं चाहता हूं कि अमेरिका से उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने क्षेत्र और देश के विकास में योगदान दूं'।
रघुवीर सिंह ने बताया, उनकी योजना अमेरिका से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारत लौटकर अपने क्षेत्र और देश के लिए योगदान देने की है। सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सतत विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण में विशेषज्ञता का उपयोग करना चाहते हैं।