बीकानेर-जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाकों में भारतीय सेना ने ‘सेंटिनल स्ट्राइक’ और ‘त्रिशूल’ युद्धाभ्यासों में अपनी जबरदस्त ताकत दिखाई। टैंक, मिसाइल, ड्रोन, राफेल और सुखोई विमानों ने फायर पावर का प्रदर्शन किया।
बीकानेर/जैसलमेर: भारत की पश्चिमी सीमाओं पर भारतीय सेना का शक्ति प्रदर्शन इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।
बीकानेर जिले के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज और जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाकों में ‘सेंटिनल स्ट्राइक’ और ‘त्रिशूल’ जैसे बड़े सैन्य अभ्यासों के जरिए तीनों सेनाओं ने अपनी संयुक्त ताकत और आधुनिक युद्ध क्षमता का प्रदर्शन किया।
सप्त शक्ति कमान की देखरेख में हुए ‘सेंटिनल स्ट्राइक’ अभ्यास में देर रात तक टैंकों और तोपों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। थल सेना ने टी-90 टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट और आकाश वायु रक्षा प्रणाली का प्रदर्शन किया।
वहीं, वायुसेना ने राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों, प्रचंड अटैक हेलीकॉप्टर और हेरोन ड्रोन की क्षमता दिखाई। नौसेना ने कोलकाता-क्लास डेस्ट्रॉयर और नीलगिरी-क्लास फ्रिगेट जैसी इकाइयों को तैनात किया।
अभ्यासों में मिसाइल यूनिट, अटैक हेलीकॉप्टर, विशेष बलों और ड्रोन ने संयुक्त रूप से काल्पनिक दुश्मन पर प्रहार कर नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध की झलक दी। सेना का यह अभ्यास ‘मल्टीडोमेन ऑपरेशन’ की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
भारत की इस सामरिक तैयारी के बाद पाकिस्तान ने एहतियातन अपने हवाई क्षेत्र के कई हिस्से बंद कर दिए हैं। यह अभ्यास भारतीय सेनाओं की सामरिक मजबूती और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का प्रमाण बन गया है।