विकसित राजस्थान संवाद में जैसलमेर की समस्याएं उठीं। विधायक छोटू सिंह भाटी ने पेयजल, भूमि और ऊर्जा से जुड़ी मांगें रखीं। साथ ही रेल और हवाई सेवाओं को नियमित करने पर जोर दिया।
जैसलमेर: मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सांसद-विधायक संवाद कार्यक्रम में जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी ने जिले की दीर्घकालिक और गंभीर समस्याएं सामने रखीं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती मरुस्थलीय क्षेत्र होने के कारण जैसलमेर की भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियां अन्य जिलों से भिन्न हैं, इसलिए इनके समाधान के लिए विशेष नीतिगत निर्णय आवश्यक हैं।
विधायक भाटी ने प्रमुख रूप से जैसलमेर शहर की विकट पेयजल समस्या के समाधान के लिए 200 करोड़ की योजना को शीघ्र स्वीकृति देने की मांग की। साथ ही वर्ष 2004 की आवेदन पत्रावलियों में बाहर कर दिए गए रामगढ़ और नेतसी के 736 आवेदकों को शामिल करने की अपील की। भूमि आवंटन, गोचर और ओरण भूमि संरक्षण तथा सौर ऊर्जा परियोजनाओं को ग्राम सीमा से 2 किमी बाहर स्थापित करने पर जोर दिया।
विधायक ने रेल व हवाई सेवाओं को नियमित करने, मरुस्थलीय क्षेत्र के लिए अतिरिक्त बजट स्वीकृत करने, नहर विभाग की डिग्गी नीति में बदलाव कर वास्तविक कृषकों को लाभ देने और स्थानीय युवाओं को निजी कंपनियों में रोजगार में प्राथमिकता दिलाने की मांग भी रखी।
शैक्षिक सुधार के अंतर्गत उन्होंने एनसीईआरटी की कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान पुस्तक राइज ऑफ मराठा में जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा दर्शाए जाने को ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत बताते हुए तत्काल संशोधन की आवश्यकता जताई। भाटी ने कहा कि इन समस्याओं का समयबद्ध समाधान होने पर जनता का जीवन स्तर सुधरेगा और क्षेत्र का सर्वांगीण विकास संभव होगा।