जैसलमेर

जैसलमेर: एमडी का नशा कर रहा युवाओं की पढ़ाई और भविष्य को चौपट

मरुस्थली जिले में नशे का बढ़ता जाल युवाओं के भविष्य के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है।

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Sep 14, 2025

मरुस्थली जिले में नशे का बढ़ता जाल युवाओं के भविष्य के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। शहर से लेकर गांवों तक एमडी जैसे घातक नशे का असर युवाओं की पढ़ाई, करियर और पारिवारिक वातावरण पर साफ झलकने लगा है। स्थिति यह है कि शिक्षा, रोजगार और जीवन संतुलन सब पर इस नशे की मार पड़ रही है। एमडी का नशा करने वाले अधिकांश युवा पढ़ाई से दूर हो रहे हैं। परिवारों का कहना है कि पहले जहां बच्चे पढ़ाई में ध्यान लगाते थे, अब उनकी रुचि केवल नशे की खुराक जुटाने में रहती है। परीक्षा परिणामों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। शिक्षक और शिक्षा से जुड़े लोग मानते हैं कि नशे के कारण किशोर व युवाओं की एकाग्रता, स्मरण शक्ति और मानसिक संतुलन प्रभावित होता है।

परिवारों की चिंता बढ़ी, समाज पर भी असर

नशे के इस बढ़ते दुष्प्रभाव से परिवारों में चिंता का माहौल है। अभिभावक मानते हैं कि जिन बच्चों के सहारे उन्होंने अपने बुढ़ापे का सहारा देखा था, वही बच्चे गलत आदतों के शिकार हो रहे हैं। परिवारों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है, क्योंकि नशे के लिए पैसे जुटाने के प्रयास में कई बार युवा चोरी-चकारी और गलत गतिविधियों की ओर बढ़ जाते हैं। इससे परिवार की सामाजिक छवि भी धूमिल हो रही है। नशे के कारण न केवल परिवार, बल्कि पूरा समाज प्रभावित हो रहा है। बेरोजगारी और भटकाव की स्थिति बढ़ रही है। चिकित्सकों का कहना है कि एमडी का नशा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है और मानसिक रोगों को जन्म देता है। इससे युवा चिड़चिड़े, असामाजिक और हिंसक प्रवृत्ति के हो जाते हैं। नशे की लत में डूबे कई युवाओं ने अपना करियर और रोजगार के अवसर खो दिए हैं।

अंधकारमय भविष्य

  • जिन युवाओं से राष्ट्र निर्माण की उम्मीदें जुड़ी हैं, उनका जीवन इस नशे से अंधकारमय होता जा रहा है।

-विशेषज्ञों का कहना है कि यदि स्थिति पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया तो आने वाले वर्षों में यह समस्या सामाजिक संतुलन को गहरे तक प्रभावित कर सकती है।

-नशा केवल व्यक्तिगत हानि नहीं पहुंचाता, बल्कि राष्ट्रीय संसाधनों और प्रतिभाओं को भी बर्बाद कर देता है।

Published on:
14 Sept 2025 10:13 pm
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