Ramdevra Mela: बाबा रामदेव मेले का विधिवत शुभारंभ 25 अगस्त भादवा सुदी द्वितीया को ध्वजारोहण के साथ होगा। मेला पूर्णिमा (7 सितंबर) तक चलेगा। पिछले 11 दिनों में औसतन रोजाना दो लाख श्रद्धालुओं ने रामदेवरा पहुंचकर दर्शन किए।
Ramdevra Mela: रामदेवरा (जैसलमेर): लोक देवता बाबा रामदेव की समाधि पर देश भर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। भीषण गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हुई। दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगातार बढ़ता जा रहा है। श्रद्धालु समाधि दर्शन के साथ ही रामसरोवर तालाब में स्नान कर अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं।
25 अगस्त से मेला विधिवत शुरू होगा। इससे पहले ही रामदेवरा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। भादवा कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर एकादशी तक लाखों श्रद्धालुओं ने समाधि के दर्शन किए। पिछले 11 दिनों में औसतन रोजाना दो लाख श्रद्धालुओं ने रामदेवरा पहुंचकर दर्शन किए। अब तक करीब 20 से 22 लाख श्रद्धालु दर्शनों के बाद अपने गंतव्य की और लौट चुके हैं।
भक्त अपनी आस्था के अनुसार कंधे पर कपड़े का घोड़ा लेकर यात्रा करते हैं। यह परंपरा बाबा रामदेव के बाल्यकाल में उनके प्रिय घोड़े के सम्मान में निभाई जाती है। श्रद्धालु मेले में घोड़े के साथ पहुंचकर अपनी भक्ति प्रकट करते हैं।
रामदेवरा आने वाले श्रद्धालु अलग-अलग तरीकों से दर्शन करने आ रहे हैं। कुछ पैदल चलकर, तो कुछ अपनी मन्नत पूरी करने के लिए दंडवत और घुटनों के बल चलकर आ रहे हैं। पदयात्री हजारों किमी का सफर तय कर रुणीचा धाम पहुंच रहे हैं। सबकी एक धुन होती है-समाधि दर्शन कब होगा।
सफर में श्रद्धालुओं के लिए हर राह में सैकड़ों सेवा केंद्र स्थापित हैं। समाजसेवी और भामाशाह पैदल यात्रियों के लिए भंडारे लगाकर चाय-पानी, नाश्ता, भोजन और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था है। जोधपुर से रामदेवरा तक 200 किमी की दूरी पर पैदल यात्रियों का तांता लगा हुआ है।
जयपुर से पैदल यात्रा करने वाले रामचंद्र ने बताया कि पिछले पंद्रह विन से सफर चल रहा है और कोई परेशानी नहीं आई। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार बताते हैं कि कनक दंडवत्, घुटनों के बल चलकर आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था अद्भुत है।
-10 से 15 लाख श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हैं।
-200 से 2,000 किमी तक की जाती है पैदल यात्रा
-20 से 22 लाख श्रद्धालु समाधि दर्शन कर चुके अब तक