जैसलमेर

जैसलमेर में डिफेंस सिस्टम से कम नहीं है ‘तनोट माता’ की सुरक्षा! 1965 की जंग में जब पाकिस्तान ने गिराए थे 450 बम

Tanot Mata temple: बीती रात पाकिस्तान ने जैसलमेर के इलाके में जमकर हमले किए, लेकिन एक भी हमला उसका धरती पर असर नहीं कर पाया। ऐसे में एक बार फिर तनोट माता मंदिर के चमत्कारों की चर्चा सोशल मीडिया पर तेज हो गई है।

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May 09, 2025
तनोट माता का मंदिर जैसलमेर।

Tanot Mata temple: जैसलमेर । भारत-पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच जैसलमेर का 'तनोट माता मंदिर' एक बार फिर चर्चा में आ गया है। यह वही मंदिर है, जहां पर 1965 की जंग में पाकिस्तान के 450 बम गिरे थे लेकिन एक भी नहीं फटे। इस मंदिर के चमत्कारों को स्थानीय लोग ही नहीं BSF के जवान भी मानते हैं। किसी भी जंग में जाने से पहले इस मंदिर में माथा टेकना यहां की परंपरा है।

दरअसल, तनोट माता का मंदिर जैसलमेर के सीमावर्ती गावों में से एक तनोट गांव में है। यह इलाका एकदम पाकिस्तान की सीमा से सटा है। इस गांव को राजस्थान का आखिरी गांव भी कहा जाता है, यहां से साफतौर पर भारत-पाकिस्तान की सीमा नजर आती है।

आसमान में डिफ्यूज हुए पाकिस्तानी हमले

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के ऊपर बम, मिसाइल और ड्रोन से हमला कर रहा है। बीती रात पाकिस्तान ने जैसलमेर के इलाके में जमकर हमले किए, लेकिन एक भी हमला उसका धरती पर असर नहीं कर पाया। इस दौरान भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी पाकिस्तानी हमलों को आसमान में ही खत्म कर दिया।

सोशल मीडिया पर तनोट माता की चर्चा तेज

भारत का मजूबत डिफेंस सिस्टम होने के बाद भी जैसलमेर और बीएसएफ के जवान सब तनोट माता का चमत्कार मानते हैं। इनका कहना है कि तनोट माता की उनपर कृपा है, ऐसे में पाकिस्तान का कोई भी हमला जैसलमेर को छू भी नहीं सकता है। स्थानीय लोग जमकर तनोट माता के चमत्कार की गाथा को अब सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।

450 बम खुद हो गए डिफ्यूज

बताया जाता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 और 1971 में हुई जंग के दौरान 450 बम मंदिर पास गिरे थे, लेकिन एक भी बम नहीं फटा। पाकिस्तान की तरफ से इतने हमले होने के बाद भी तनोट माता के मंदिर को आजतक पाकिस्तानी फौज छू भी नहीं पाई है। मंदिर परिसर में मौजूद म्यूजियम के अंदर आज भी 450 रखे गए हैं, जिसको पाकिस्तान ने भारत पर गिराया था।

BSF के जवान मंदिर में करते हैं पूजा

तनोट माता का मंदिर भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) की निगरानी में आज भी सुरक्षित खड़ा है। इस मंदिर के गेट पर बीएसएफ के जवान तैनात रहते हैं। इसके अलावा सुबह-शाम दोनों टाइम बीएसएफ के जवान ही मंदिर में पूजा-आरती करते हैं। यह मंदिर फिलहाल, सभी श्रद्धालुओं के लिए खुला है। कोई भी व्यक्ति यहां तनोट माता का दर्शन कर सकता है।

हर ऑपरेशन से पहले तनोट माता आशीर्वाद

हर युद्ध या ऑपरेशन से पहले तनोट माता के मंदिर में माथा टेकना यहां कि परंपरा है। बीएसएफ और स्थानीय लोगों का इस मंदिर में अपार श्रद्धा है। यहां के लोगों का कहना है कि जैसलमेर की सुरक्षा तनोट माता करती हैं। इतने हमले होने के बाद भी सबकुछ सुरक्षित रहना सिर्फ माता की कृपा ही है।

बॉर्डर फिल्म में भी तनोट माता का जिक्र

भारतीय बॉलीवुड फिल्म बॉर्डर में भी इस मंदिर के बार में क्लिप दिखाई गई है, जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह से बीएसएफ के जवान तनोट माता को पूजते हैं।

Updated on:
09 May 2025 04:13 pm
Published on:
09 May 2025 03:56 pm
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