कभी केवल विदेशी सैलानियों का ठिकाना रहे जैसलमेर ने अब देश के हर कोने से पर्यटकों को अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया है और हर साल 1500 करोड़ रुपए का कारोबार होने लगा है।
रेगिस्तान की रेत पर अब ऊंटों की पदचाप नहीं, बल्कि टूरिज्म इन्वेस्टमेंट की धमक गूंज रही है। कभी केवल विदेशी सैलानियों का ठिकाना रहे जैसलमेर ने अब देश के हर कोने से पर्यटकों को अपनी ओर खींचना शुरू कर दिया है और हर साल 1500 करोड़ रुपए का कारोबार होने लगा है। पर्यटन नया ट्रेंड यह दर्शाता है कि सम क्षेत्र अब रिसॉर्ट और डेजर्ट कैम्पिंग के लिए देशभर के टूरिज्म उद्यमियों की पहली पसंद बन चुका है।
जैसलमेर जिले में पर्यटन परियोजनाओं को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। अब तक कुल 114 आवेदन आए, जिनमें से 73 स्वीकृत, 11 लंबित और 30 खारिज किए गए हैं। सम क्षेत्र सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट का आकर्षण बना है।
सम ब्लॉक में जहां 82 में से 53 आवेदन स्वीकृत हुए।
जैसलमेर ब्लॉक में 20 में से 12 को मंजूरी मिली।
सांकड़ा ब्लॉक में एक आवेदन को हरी झंडी मिली।
जहां पहले जैसलमेर का टूरिज्म विदेशी सैलानियों पर निर्भर था, वहीं अब घरेलू पर्यटकों की बाढ़ सी आ गई है।
दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे और बेंगलुरु जैसे शहरों से वीकेंड ट्रैवलर्स और सोशल मीडिया ट्रेंड पर चलने वाले यंग टूरिस्ट जैसलमेर को नया ट्रेवल डेस्टिनेशन बना रहे हैं।
2017-18 में 1200-1300 करोड़ का टूरिज्म बिजनेस अब 1500 करोड़ के पार पहुंच चुका है।