सांचौर के भवातड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित सूखा बंदरगाह परियोजना को केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता मिलने से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
सांचौर। क्षेत्र की भवातड़ा ग्राम पंचायत के राजस्व गांव रणखार में सूखा बंदरगाह बनाने की योजना को केंद्र सरकार के बाद अब राज्य सरकार की ओर से भी प्राथमिकता दिए जाने से पिछड़े इलाके में विकास के नए आयाम स्थापित होने की उम्मीद है। इससे व्यापारिक गतिविधियों को भी नई रफ्तार मिलेगी।
भवातड़ा में सूखा बंदरगाह बनने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और व्यापारिक दृष्टि से भी क्षेत्र का विकास होगा। राज्य में समुद्री बंदरगाह नहीं होने के कारण देश व विदेश से आने वाला लदान गुजरात के बंदरगाहों के माध्यम से सड़क मार्ग से पहुंचता है, जिससे परिवहन महंगा पड़ता है। सूखा बंदरगाह विकसित होने पर व्यापारिक गतिविधियों को बड़ी राहत मिलेगी और परिवहन लागत भी घटेगी।
राजस्थान के लिए निकटतम समुद्री बंदरगाह गुजरात का कांडला है, जहां से राज्य में उत्पादित और आवश्यक वस्तुओं का आयात-निर्यात होता है। भवातड़ा बंदरगाह विकसित होने पर यह देश का प्रमुख सूखा बंदरगाह बन सकता है। इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर और जालोर जिले के बाड़मेर-सांचौर बेसिन में तेल-गैस की संभावनाएं हैं।
ऐसे में भवातड़ा बंदरगाह व्यापार के नए अवसर खोल सकता है। जिले में उत्पादित ग्रेनाइट, जीरा, ग्वार, बाजरा जैसी वस्तुओं के निर्यात के लिए यह बंदरगाह महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। कम परिवहन लागत में माल की सप्लाई संभव होगी।
इस क्षेत्र में करीब 56 हजार बीघा सरकारी जमीन दलदली है, जिसका फिलहाल कोई उपयोग नहीं है। यह जमीन लवणीय होने के साथ लूणी नदी के बहाव क्षेत्र में आती है, जिसके कारण इसका किसी अन्य कार्य में उपयोग कठिन है। लूणी नदी का प्रवाह क्षेत्र कच्छ रण से होकर सीधे अरब सागर तक जाता है। इसी मार्ग को 500 मीटर चौड़ी और 20 मीटर गहरी नहर के रूप में विकसित कर भवातड़ा के रणखार क्षेत्र में बंदरगाह का मुख्य स्टेशन बनाने की योजना है।
भवातड़ा बंदरगाह बनने पर नर्मदा के ओवर फ्लो पानी को भी लूणी नदी के प्रवाह क्षेत्र के माध्यम से इस मार्ग से अरब सागर तक भेजा जा सकेगा। इससे क्षेत्र में पानी की समस्या, खासकर ओवर फ्लो से होने वाली दिक्कतों से किसानों को राहत मिल सकती है। परियोजना तैयार होने पर यह उजाड़ पड़ा क्षेत्र रोजगार का बड़ा केंद्र बन सकता है।
भवातड़ा बंदरगाह बनने से यह क्षेत्र व्यापारिक गतिविधियों का हब बन जाएगा। उत्तर भारत के प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित होगा। प्रवासी राजस्थानी भी यहां निवेश करने के लिए आकर्षित होंगे, जिससे क्षेत्र का विकास तेज होगा।
सूखा बंदरगाह बनने से व्यापार को बड़ी मदद मिलेगी। परिवहन खर्च कम होगा, जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी। क्षेत्रवासियों को व्यापारिक दृष्टि से सीधा फायदा मिलेगा।