सलीम भाई ने गुरूवार को डेडवा सरहद में एक पानी के टांके में से 120 सांपों पकड़ा। घर के पास बने पानी के टांके में पानी लेने ग्रामीण पहुंचा। पानी कम होने पर टांके के भीतर देखा तो उसमें सांप तैर रहे थे।
जहरीले सांप को पकडऩा इसके लिए आसान है। बात कर रहे हैं सलीम की, जिन्हें इस कार्य में महारथ हासिल है। पांच साल की उम्र से सलीम जहरीले सांप पकडऩे का काम कर रहे हैं और इस काम के दौरान छह बार इन्हें सांप ने डसा भी है। लेकिन उसके बाद भी वे अनवरत इस काम में जुटे हैं और अब तक डेढ़ साल बार सांप पकड़ चुके हैं। सांपों का रेस्क्यू करने वाले सांचौर शहर निवासी मात्र सलीम भाई स्नेक मैन के नाम से जाने जाते है। सांचौर ही नहीं जोधपुर, जयपुर व गुजरात तक सांप पकडऩे के लिए सलीम भाई को बुलाया जाता है।
डेडवा में एक दिन में 120 सांप पकड़े
सलीम भाई ने गुरूवार को डेडवा सरहद में एक पानी के टांके में से 120 सांपों पकड़ा। घर के पास बने पानी के टांके में पानी लेने ग्रामीण पहुंचा। पानी कम होने पर टांके के भीतर देखा तो उसमें सांप तैर रहे थे। सूचना के बाद सलीम मौके पर पहुंचे। उन्होंने एक साथ सांप और उसके साथ 120 सपोलों को रैस्क्यू किया। इसी तरह शुक्रवार को धमाणा का गोलिया में पांच फीट लंबे सांप को पकडक़र जंगल में छोड़ा।
सांप पकडऩे का शौक बचपन से ही है। गुरूजी शिव लहरी से कला सीखने को मिली, किसी भी जहरीली सांप को आसानी से पकड़ लेते है, छह बार सर्प दंश भी हुआ, लेकिन ज्यादा कुछ हुआ नहीं।
- सलीम भाई, स्नैक मैन, सांचौर
छोटी सी उम्र में ही इस दुर्लभ कार्य में उनकी रुचि जगी और करीब छह दशक से इस काम में जुटे हैं। इनके परिवार में तीन पुत्र है, जो इस दुर्लभ विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। अक्सर रात में सांप पकडऩे के लिए लोगों के फोन आते हैं और सलीम मौके पर पहुंचकर सांप को पकड़ लेते हैं। सांचौर की बात करें तो विभिन्न नस्ल के सर्प है, जो जहरील है। जिसमें सबसे खतरनाक खतरनाक कोबरा, गौरावा, भैंकुटी, खड़चीटी, कबोलियों प्रजाति प्रमुख है।