पटना-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस में रविवार को दो बार आग लगने से यात्रियों में दहशत फैल गई। रजला और सिमुलतला स्टेशनों के पास ब्रेक बाइंडिंग के कारण पहियों से निकले धुएँ ने यात्रियों को जान बचाकर भागने को मजबूर किया।
बिहार के जमुई ज़िले से रविवार को एक दिल दहला देने वाली रेल घटना सामने आई। पटना से हावड़ा जा रही जन शताब्दी एक्सप्रेस में दो बार आग लगने जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। पहले धुआँ, फिर आग की लपटें, इस घटना से यात्रियों में दहशत फैल गई और प्लेटफ़ॉर्म पर अफ़रा-तफ़री मच गई। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
घटना का पहला दौर रजला रेलवे स्टेशन के पास देखने को मिला। जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुँची, उसके पहियों से तेज़ धुआँ निकलने लगा। अचानक स्थिति बिगड़ती देख ट्रेन को रोक दिया गया। मौके पर मौजूद रेलकर्मियों ने तुरंत स्थिति संभाली और आग पर काबू पाया। इस दौरान घबराए यात्री अपनी सीटें छोड़कर प्लेटफ़ॉर्म पर इधर-उधर भागने लगे।
स्थिति सामान्य होते ही ट्रेन आगे बढ़ी, लेकिन कुछ ही देर में सिमुलतला रेलवे स्टेशन के होम सिग्नल के सामने फिर से वही स्थिति उत्पन्न हो गई। पहियों से धुआँ निकलते ही ट्रेन को रोकना पड़ा। इस बार भगदड़ और भी ज़्यादा मच गई। कई यात्री अपना सामान छोड़कर इधर-उधर भागते नज़र आए।
रेलवे ने अपनी प्रारंभिक जाँच में बताया कि यह घटना ब्रेक बाइंडिंग के कारण हुई। जब ट्रेन के ब्रेक पूरी तरह से ढीले नहीं होते, तो पहिए आधे जमे रहते हैं। लगातार रगड़ और दबाव के कारण पहियों में अत्यधिक गर्मी पैदा होती है, जिससे धुआँ और आग निकलती है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह तकनीकी समस्या मामूली नहीं है और इसका सीधा असर ट्रेन की गति और यात्रियों की सुरक्षा पर पड़ सकता है।
रेलवे की तकनीकी टीम ने मौके पर पहुँचकर तुरंत आग पर काबू पाया और ट्रेन को सुरक्षित रवाना किया। विभाग ने कहा है कि नियमित निरीक्षण और तकनीकी रखरखाव की प्रक्रिया को और मज़बूत किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। हालाँकि, घटना के बाद यात्रियों ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। कई यात्रियों ने कहा, "यह एक बड़ी लापरवाही है कि जन शताब्दी जैसी बड़ी ट्रेन में दो बार आग लगने जैसी स्थिति पैदा हो गई। अगर आग बढ़ जाती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।"