CG News: डॉक्टरों का कहना है कि फंगस लगी पैरासिटामोल दवा खाने से फूड पाइजनिंग, उल्टी-दस्त जैसी समस्या हो सकती है। मरीज गंभीर है तो जान भी जान सकती है।
CG News: जांजगीर जिले के सरकारी अस्पतालों में फंगस लगी पैरासीटामॉल टैबलेट पहुंची है। टेबलेट में काले-काले धब्बे स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। छग मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) से इन टेबलेट की सप्लाई हाल ही में जुलाई माह के दौरान स्वास्थ्य केंद्रों में हुई है। अस्पतालों में मरीजों को बांटने के लिए दवा का पैकेट खोलने में इस बात का खुलासा हो रहा है कि जो दवाईयां पहुंची है, उसमें फंगस जैसा निशान नजर आ रहा है।
स्वास्थ्य कर्मियों के मुताबिक बीते-जून जुलाई माह में जो पैरासीटामॉल का बैच आया है, उसमें इस तरह की शिकायतें सामने आ रही है। इस तरह का मामला पामगढ़ ब्लॉक के कई स्वास्थ्य केंद्रों में देखने को आया है। जहां पैरासीटामॉल 500 एमजी टैबलेट के कई स्ट्रिप में फंगस जैसा काला-काला धब्बा नजर आ रहा है। इससे स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर्स और स्टॉफ भी परेशान हो रहे हैं कि क्या करें।
स्थानीय स्तर पर बड़े अधिकारियाें तक कर्मी अपनी बात पहुंचा रहे हैं लेकिन कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। बड़ा सवाल यह है कि कितने स्वास्थ्य केंद्रों में इस बैच की दवा सप्लाई हुई है, मरीजों को दवा तो नहीं बांटी जा चुकी है, इसका कोई जवाब जिम्मेदारों के पास नहीं है। जबकि डॉक्टरों का कहना है कि फंगस लगी पैरासिटामोल दवा खाने से फूड पाइजनिंग, उल्टी-दस्त जैसी समस्या हो सकती है। मरीज गंभीर है तो जान भी जान सकती है।
पैरासीटामॉल टैबलेट 500 एमजी में फंगस मिलने का चार माह में यह दूसरा मामला सामने आया है। चार माह पहले भी इसी तरह औषधि (डी-395) पैरासीटामॉल 500 एमजी के बैच नंबर आरटी 24060 में गुणवत्ता संबंधी शिकायत आई थी। इस पर ड्रग वेयर हाउस जांजगीर के द्वारा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को 13.05.2025 को पत्र जारी कर उक्त बैच नंबर के टैबलेट के उपयोग पर रोक लगाते हुए उपलब्ध स्टॉक को जांजगीर दवा गोदाम में वापस मंगाया गया था।
तब स्वास्थ्य केंद्रों से स्टॉक जमा कराया गया था। इस मामले को दो माह भी नहीं हुआ है कि फिर से स्वास्थ्य केंद्रों में दोबारा फंगस वाली दवा पहुंचना गंभीर लापरवाही को दर्शा रहा है। इसके बावजूद सप्लाई दवा एजेंसी पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
CG News: जिले के स्वास्थ्य केंद्राें में फंगस लगी दवाओं के सप्लाई के संबंध में ड्रग वेयर हाउस जांजगीर प्रभारी गायत्री साहू के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन मोबाइल नंबर स्वीच ऑफ आ रहा था। जिससे जानकारी नहीं मिल पाई।
डॉ. मनोज बर्मन, सीएमएचओ: पैरासीटामॉल टैबलेट में काले धब्बे जैसे निशान मिलने की शिकायतें कुछ स्वास्थ्य केंद्रों से आ रही है। वेरीफिकेशन कराने के बाद ही आगे कुछ बता पाएंगे कि वास्तविकता क्या है। वैसे भी दवा की सप्लाई सीजीएमएससी करती है।
दर्द-बुखार की शिकायत होने पर पैरासीटामॉल की दवा दी जाती है। बुखार में सबसे ज्यादा इसी टैबलेट का उपयोग मरीज करते हैं। यह दवा आसानी से मिल जाती है। सरकारी अस्पतालों में ही बुखार की शिकायत होने पर ज्यादातर डॉक्टर मरीजों को यही दवा ही लिखते हैं।