RKM Power Plant Accident: आरकेएम पॉवरजेन प्राइवेट लिमिटेड में लिफ्ट गिरने से मजदूरों की मौत मामले में सक्ती कलेक्टर ने मामले की दंडाधिकारी जांच के आदेश जारी किए हैं।
RKM Power Plant Accident: आरकेएम पॉवरजेन प्राइवेट लिमिटेड में लिफ्ट गिरने से मजदूरों की मौत मामले में सक्ती कलेक्टर ने मामले की दंडाधिकारी जांच के आदेश जारी किए हैं। कलेक्टर ने डभरा एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया है और 8 बिंदुओं में हादसे की जांच कर 30 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। प्लांट में हुए हादसे की जांच के लिए सक्ती कलेक्टर अमृत विकास तोपनो ने डभरा एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए 8 बिंदुओं में करने आदेशित किया है।
इसमें, पहला घटना कब और कैसे घटी, दूसरा, घटना के वक्त कितने मजदूर मौजूद थे, घायल और मृतक मजदूरों की कुल संख्या, तीसरा औद्योगिक सुरक्षा विभाग ने उत्पादन शुरू होने के बाद कब-कब निरीक्षण किया, चौथा घटना की वजह माननीय है या तकनीक, पांचवा किन परिस्थितियों के चलते घटना घटी, छठवां घटना के लिए कौन जिम्मेदार हैं, भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए उपाय व सुझाव और आठवां जांच अधिकारी को कोई और अभिमत देना हो।
मंगलवार 7 अक्टूबर की रात डभरा के उच्चपिंडा स्थित आरकेएम पॉवरजेन प्राइवेट लिमिटेड में बड़ा हादसा हो गया। यहां बायलर मेंटनेंस के दौरान करीब 40 मीटर की ऊंचाई से लिफ्ट नीचे गिर गई। लिट में 10 मजदूर सवार थे जिसमें से दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में अंजनी कुमार कनोजिया (40 वर्ष) सोनभद्र यूपी, मिसरी लाल (40 वर्ष), सोनभद्र यूपी, रविन्द्र कुमार (37 वर्ष) झारखंड और बबलू गुप्ता (28 वर्ष) यूपी शामिल हैं।
वहीं घायलों में विजय सिंह (32 वर्ष), राम सिंह (27 वर्ष), संजय कुमार (22 वर्ष), रामकेश (26 वर्ष), बलराम (38 वर्ष) और रतन सिंह (34 वर्ष) शामिल हैं। सभी उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं। इधर मुआवजे की मांग को लेकर आक्रोशित मजदूरों और परिजनों ने प्लांट के सामने प्रदर्शन भी किया लेकिन पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभाला। इससे बड़ा आंदोलन नहीं हो सका। इधर मृतक और घायलों को लेकर कंपनी प्रबंधन की ओर से मुआवजा के संबंध में किसी तरह की घोषणा की बात सामने नहीं आई थी।
जिंदल अस्पताल में इलाज के दौरान मजदूर अंजनी कनौजिया की मौत हो गई। रोते बिलखते सोनभद्र यूपी से पहुंचे अंजनी के भाई रंजन कुमार ने कहा कि जब तक मुआवजा तय नहीं होगा, वे भाई का पोस्टमार्टम नहीं कराने देंगे। इसके चलते देर शाम तक सभी चारों मजदूरों के शवों का पीएम भी नहीं हो सका। उसने कंपनी प्रबंधन पर सुरक्षा में लापरवाही करने का आरोप लगाया।