Chhattisgarh Incident: छत्तीसगढ़ के जशपुर में तालाब में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान गहरे पानी में डूबने से एक 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई। हैरान कर देने वाली बात यह है कि लोग और युवक के साथ खड़े दोस्तों वीडियो बनाते रहे। उनको घटना का जरा सा भी आभास नहीं हुआ।
Accident in Ganpati Visarjan: जशपुर जिले के पत्थलगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलडेगी के सुगबासूपारा स्थित तालाब में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान गांव के तालाब में गहरे पानी में डूबने से एक 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई। युवक का पानी में डूबते वक्त का वीडियो भी सामने आया है। इस हादसे का वीडियो सामने आने के बाद भी हर कोई इस घटना को देख हैरत में पड़ गया है कि जहां युवक डूबा है वहां गहरा गड्ढा नहीं था।
तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में युवक प्रतिमा को विसर्जन के लिए पोखर में प्रवेश करता है। इसी दौरान युवक डूबने लगता है। उनके साथ के युवक अगल बगल होने के बाबजूद उसे नहीं देख पाते हैं। इधर युवक का डूबते हुए वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
इस दुखद हादसे में युवक की मौत के वीडियो के आने के बाद भी परिजनों का कोई अन्य की किसी प्रकार की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ज्ञात हो कि 14 सितंबर की शाम करीब साढ़े चार बजे बेलडेगी निवासी योगेश यादव के 24 वर्षीय पुत्र प्रतीक यादव गणेश विसर्जन के लिए मोहल्लेवासियों एवं साथियों के साथ निकला था। वहीं मूर्ति विसर्जन के दौरान युवक ने तालाब के अंदर मूर्ति पकड़ कर गया था। इसी दौरान विसर्जन (Accident in Ganpati Visarjan) के दौरान युवक ने पानी के अंदर डुबकी लगाई, बस इसी दौरान वह डूबने लगा। ताज्जुब की बात यह है कि उनके साथ वाले युवक भी प्रतीक को डूबते नहीं देख पाए।
विसर्जन के बाद भीड़ खत्म होने के बाद बड़ा भाई उसे खोजने लगा और अपने पिता को फोन करके बताया कि प्रतीक की मोटर-साइकल और जूता तालाब के मेढ़ किनारे रखा हुआ है, पर प्रतीक का कहीं पता नहीं चल रहा है। जिसके बाद परिजनों और आसपास के मजदूरों द्वारा तालाब में ढूंढने पर प्रतीक के शव को बाहर निकाला गया।
जिसके बाद परिजनों द्वारा आनन-फानन में बेहोश प्रतीक को पत्थलगांव सिविल अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। सरल स्वभाव व मिलनसार युवक प्रतीक की मौत की गम को परिवार वाले व इष्ट मित्र भुला नहीं पा रहे है। घटना की जिक्र कर उनके आंखे भर जा रहे हैं। बहरहाल घटना से परिजनों में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।