Jashpur News: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की महिला रेंजर ने डीएफओ पर प्रताड़ना और गलत काम करने के लिए दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसकी शिकायत सीएम विष्णु देव साय से लेकर दिल्ली अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक की गई है।
CG Crime News: वन विभाग की एक महिला रेंजर ने जशपुर डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय पर यौन प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाते हुए, जशपुर के बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय और जशपुर के अजाक थाने में शिकायत की है। इस संबंध में अजाक थाना प्रभारी मार्टिन खलखों का कहना है कि फिलहाल मामले की जांच चल रही है। वन विभाग की महिला अधिकारी के द्वारा जशपुर वन मंडलाधिकारी पर लगाए गए इस संगीन आरोप के बाद से जिले के प्रशासनिक हलके में हड़कंप की स्थिति है।
जशपुर के बगिया स्थित कैंप कार्यालय में की गई शिकायत में पीड़ित आदिवासी महिला अधिकारी का आरोप है कि, जशपुर डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय उन पर बुरी नियत रखते थे, और ड्यूटी के दौरान तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो कहा करते थे। पीड़िता का दावा है कि डीएफओ ने उनके सामने गलत काम करने का प्रस्ताव रखा था। इसे ठुकरा दिए जाने से वे नाराज हो कर तात्कालीन विधायक यूडी मिंज से उनकी शिकायत कर दी थी।
जानकारी मिलने पर पीड़िता ने तात्कालीन विधायक से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। व्यक्गित रूप से परेशान करने के लिए डीएफओ ने वन कर्मचारी संघ पर दबाव डाल कर उनके विरूद्व झूठी शिकायत कराई और कार्रवाई की धमकी देकर डीएफओ ने पीड़िता अधिकारी को अपने नजदीकी रेंज में तबादला करवाने के लिए मजबूर कर दिया।
इस मामले में जशपुर डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय का पक्ष जानने के लिए उनके दोनो मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाने से उनका पक्ष नहीं लिया जा सका। और ना तो वो अपने कार्यालय में थे, ना मंगलवार को होने वाली समय सीमा की बैठक में शामिल हुए।
इसके बाद शासकीय दौरा करने के बहाने अपने शासकीय वाहन में बैठा कर पीड़िता के साथ गलत हरकत करने का प्रयास किया। पीड़िता का आरोप है कि इस दौरान उसके और डीएफओ की बीच हाथापाई भी हुई थी। घटना के बाद डीएफओ ने नौकरी से बर्खास्त कराने की धमकी देकर पीड़िता का मुंह बंद कर दिया था।
इस घटना के बाद डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय ने पीड़िता के विरूद्व झूठे आरोप लगा कर कार्रवाई के लिए मुख्य वन संरक्षक को पत्र प्रेषित कर दिया है। पीड़िता का कहना है कि उसे विभागिय वाट्स एप ग्रूप से भी हटा दिया गया है, ताकि वे सरकारी काम सही तरीके से ना कर सके। शिकायत में पीड़िता ने डीएफओ उपाध्याय के विरूद्व अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की है।