CG Tourism: जशपुरनगर जिले में दुनिया का नक्शा बदल रहा है और पर्यटन अब सिर्फ घूमने-फिरने का साधन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विकास का जरिया बन गया है।
CG Tourism: छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर जिले में दुनिया का नक्शा बदल रहा है और पर्यटन अब सिर्फ घूमने-फिरने का साधन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विकास का जरिया बन गया है। हर वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इसी अवसर पर यदि छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले पर नजर डालें तो यह सचमुच स्वर्ग से कम नहीं। यहां हर कदम पर झरने, पहाड़, घाटियां और प्राकृतिक धरोहरें मौजूद हैं, जो पर्यटकों को बार-बार अपनी ओर खींच लेती हैं।
कुनकुरी ब्लॉक के मयाली गांव से 35 किमी दूर स्थित मधेश्वर पहाड़ ने हाल ही में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बनाई है। इसे लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग यानी शिवलिंग की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति का दर्जा मिला है। यहां आस्था और प्रकृति का अद्भुत मेल है।
स्थानीय लोग इसे शिवलिंग के रूप में पूजते हैं, वहीं पर्वतारोहण और एडवेंचर प्रेमियों के लिए यह रोमांच का केंद्र है। घने जंगलों और शांत वातावरण के बीच बसा यह स्थान अब दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
बगीचा विकासखंड के सुलेसा और पंडरापाठ के बीच स्थित दनगरी जलप्रताप लगभग सौ फीट ऊंचाई से तीन धाराओं में गिरता है। यह दृश्य इतना मनोहारी है कि पहली नज़र में किसी चित्रकला जैसा लगता है।हालांकि यहां तक पहुंचना आसान नहीं पर्यटकों को लगभग 5 किमी पैदल चलना पड़ता है और पहाड़ी नालों को पार करना पड़ता है। इसके बावजूद यहां पहुंचने वाले लोग इसकी प्राकृतिक खूबसूरती को कभी नहीं भूलते।
जशपुर मुख्यालय से मात्र 15 किमी दूर स्थित रानी दाह वॉटरफॉल न सिर्फ प्राकृतिक रूप से अद्भुत है बल्कि एक दिल छू लेने वाली कथा से भी जुड़ा है। बरसात के दिनों में इसका रौद्र रूप देखने लायक होता है। पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां व्यूपॉइंट और सीढ़ियां बनाई गई हैं।