जौनपुर

जौनपुर की एकता तिवारी का दावा, ‘पहलगाम हमले के संदिग्ध के साथ हुआ था झगड़ा, कुरान पढ़ने के लिए डाला था दबाव’

पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करने वाले तीन आतंकवादियों के स्केच जारी कर दिए गए हैं। तीनों ही आतंकियों पर 20-20 लाख रुपए का इनाम रखा गया है।

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Apr 25, 2025

जम्मू-कश्मीर से लौटीं उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली एकता तिवारी ने दावा किया है कि जिन आतंकियों की तस्वीरें जारी की गई हैं, उनमें से दो की उनके ग्रुप के साथ झड़प हुई थी। एकता तिवारी ने बताया, "हमारा 20 लोगों का एक ग्रुप 13 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग स्थानों पर घूमने गया था। हम 20 अप्रैल को पहलगाम पहुंचे। उसी दिन हमें कुछ संदिग्ध लगा और इसलिए हम सभी हमले वाले क्षेत्र बैसरन से लगभग 500 मीटर पहले ही उतर गए। आसपास के कुछ लोगों के इरादे ठीक नहीं लग रहे थे। वे हमें कुरान पढ़ने के लिए कह रहे थे।

खच्चर वालों की मदद से वापस लौटे

"जब हम लोग खच्चर से चढ़ाई कर रहे थे, उस दौरान दो लोग हमें मिले थे और इस दौरान उन्होंने मेरे बारे में पूछा। साथ ही यह भी पूछा कि हमारे ग्रुप में कितने और लोग हैं। उन्होंने हमसे पूछा कि कौन से धर्म से हो, हिंदू हो या मुसलमान। इसके अलावा, उन्होंने हमसे कुरान को पढ़ने के लिए भी कहा था और यह भी पूछा कि रुद्राक्ष क्यों पहना है। जब मेरे भाई ने कहा कि उसे रुद्राक्ष पहनने से अच्छा लगता है, तो इस दौरान उनके साथ हमारी नोकझोंक भी हुई। तभी हम वहां से उतर गए और दूसरे खच्चर वालों की मदद से वापस लौट आए।"

घाटी में 35 बंदूक भेजने के बारे में कर रहे थे बात

एकता तिवारी ने दावा किया कि कुछ ही देर बाद उनमें से एक व्यक्ति के पास फोन आया और उसने कुछ दूर जाकर फोन पर कोड वर्ड में कहा कि "प्लान-ए" फेल हो गया है। वे 35 बंदूकों को घाटी में भेजने के बारे में भी बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, "इन बातों से मेरा शक और गहरा गया। जिस लड़के ने 35 बंदूकों की बात की थी, उसका फोटो मेरे पास है और आतंकियों के स्कैच जारी होने के बाद मैंने उसे पहचान लिया है।"

वैष्णों देवी के दर्शन के लिए गया था उत्तर प्रदेश का ग्रुप

वहीं, एकता तिवारी के पति प्रशांत तिवारी ने बताया, "हम यहां से वैष्णों देवी के दर्शन के लिए निकले थे। कटरा में वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद हमने पूरा पैकेज टूर लिया। हमारे ग्रुप में 20 लोग थे। मेरी पत्नी के साथ चल रहे एक शख्स ने उनसे कुरान पढ़ने के लिए कहा था, जिसके बाद उसने मुझे इस बारे में बताया। तभी हमने उनसे वहां से वापस लौटने के लिए कहा तो वे लोग हमारे साथ झगड़ा करने लगे थे।"

उन्होंने कहा कि उन लोगों पर संदेह करने का सबसे बड़ा कारण यही था कि वे कुरान पढ़ने के लिए बार-बार बोल रहे थे। साथ ही हमारा एड्रेस भी पूछ रहे थे और बंदूकों को भेजने की बात से हमारा शक और गहरा गया।

सोर्स:IANS

Updated on:
25 Apr 2025 07:46 am
Published on:
25 Apr 2025 07:45 am
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