राजस्थान में वन क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी से वन्यजीव और वनस्पति का भारी नुकसान हो रहा है, झालरापाटन में वन क्षेत्र में लगी आग पर पाया काबू
Mountain Fire: राजस्थान में खेत खलिहानों से लेकर पहाड़ी क्षेत्र में आए दिन लग रही आग से वन्यजीवों समेत वन्य वनस्पति को भी भारी नुकसान हो रहा है। वन विभाग पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार चौकसी बढ़ा रहा है लेकिन फिर भी घटनाओं में कमी नहीं हो सकी है। ताजा मामला झालावाड़ जिले के झालरापाटन से सामने आया है। नवलखा किला की पहाड़ी पर सोमवार तड़के लगी आग इतनी भीषण थी जिस पर करीब साढ़े चार घंटे में काबू पाया जा सका।
नवलखा किला की पहाड़ी पर सोमवार तड़के लगी आग पर साढ़े चार घंटे में काबू पाया जा सका। जिससे वनस्पति और पेड़ पौधों को काफी नुकसान हुआ। नवलखा किला की पहाड़ी के पिछवाड़े में राष्ट्रीय राजमार्ग 52 की ओर सुबह 4 बजे लगी आग फैलते हुए आनंद धाम मंदिर मार्ग तक पहुंच गई। प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि किले के पिछवाड़े की पहाड़ी मे सुबह 4 बजे आग लगी जो हवा के साथ ऊपर की ओर फैलती गई और देखते ही देखते पहाड़ी के बड़े हिस्से को आग ने घेर लिया।
जिससे पहाड़ी पर पेड़ पौधे और अन्य वनस्पति जलकर स्वाह हो गए। आग लगने की सूचना मिलने पर झालरापाटन नगर पालिका व झालावाड़ नगर परिषद की दमकल कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंच गई। इसी दौरान वन विभाग के एक दर्जन कर्मचारी और पुलिसकर्मी भी वहां आ गए। सुबह 8:30 बजे आग पर काबू पाया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां हर वर्ष गर्मी के मौसम में पहाड़ी पर दो से तीन बार आग लगने की घटनाएं होती हैं। आग की घटनाओं को लेकर जिला प्रशासन और वन विभाग संवेदनशील नहीं है। इससे काफी तादाद में पेड़ पौधे और वनस्पति का नुकसान होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही व लापरवाही के चलते आग से वन्यजीवों समेत वनस्पति जलने से नुकसान हो रहा है।