कालीसिंध नदी में इन दिनों बजरी माफिया सरेआम धड़ल्ले से बजरी का अवैध खनन कर नदी का सीना चीर रहे हैं।
पिछले करीब एक पखवाड़े से नदी में अवैध खनन से बजरी माफिया लाखों रुपए की बजरी का परिवहन कर चुके हैं। तीनधार के पर्यावरण प्रेमियों एवं ग्रामीणों ने बताया कि कालीसिंध नदी से बजरी का अवैध खनन होने की सूचना उच्च अधिकारियों को करने के बावजूद मिलीभगत के चलते अभी तक रोकथाम की कार्रवाई नहीं हुई है।
असनावर उपखंड क्षेत्र की तीनधार रुपारेल पंचायत के समीप कालीसिंध नदी में इन दिनों बजरी माफिया सरेआम धड़ल्ले से बजरी का अवैध खनन कर नदी का सीना चीर रहे हैं। यहां कालीसिंध नदी के बीच में पुरानी पुलिया के आसपास बजरी माफिया सावल मशीन, डम्पर व ट्रैक्टर ट्रॉलियों की सहायता से दिन रात बजरी का दोहन कर रहे हैं। जिससे नदी का प्राकृतिक सौन्दर्य बिगड़ता जा रहा है।
पिछले करीब एक पखवाड़े से नदी में अवैध खनन से बजरी माफिया लाखों रुपए की बजरी का परिवहन कर चुके हैं। तीनधार के पर्यावरण प्रेमियों एवं ग्रामीणों ने बताया कि कालीसिंध नदी से बजरी का अवैध खनन होने की सूचना उच्च अधिकारियों को करने के बावजूद मिलीभगत के चलते अभी तक रोकथाम की कार्रवाई नहीं हुई है। कालीसिंध नदी में सरेआम बजरी का खनन होने से पुरानी पुलिया के आसपास कालीसिंध नदी में गहरे गड्ढे हो गए हैं।
कालीसिंध नदी में अवैध खनन करने वाले बजरी माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि यह लोग खनन करते करते नदी के बीच में बने रेलवे पुलिया के पास तक जा पहुंचे है। जिससे रामगजमंडी भोपाल रेल लाइन के लिए कालीसिंध नदी में बनी पुलिया के पिल्लर कमजोर होने की आशंका है।
तीनधार रुपारेल के पास कालीसिंध नदी में अवैध बजरी खनन की जानकारी करके बजरी माफियाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
रतनलाल भील, तहसीलदार असनावर