झुंझुनू

आपके घर का अशोक का पेड़ सूख रहा है ऊपर से तो करें यह उपचार

इसके फैलाव को रोकने के लिए पेड़ के सूखे हुए भाग को काटकर जला देना चाहिए। या जमीन में गहरा गाड़ देना चाहिए।

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Sep 19, 2024
ऊपर की तरफ से सूख रहे अशोक के पेड़।

राजेश शर्मा.

अगर आपके घर या आस-पड़ौस में लगा अशोक का पेड़ इन दिनों सूख रहा है, तो सावधान हो जाएं। यह बिना कारण नहीं सूख रहा। एक विशेष प्रकार के फंगस के कारण यह ऊपर से सूखने लगा है। कुछ सावधानी बरत कर तथा उपचार कर अशोक के पेड़ों को बचाया जा सकता है। सार्वजनिक व निजी जगह आसानी से लगने वाले अशोक के पौधे में इस बार विशेष फंगस का संक्रमण हो गया है। इस फंगस (कवक) की चपेट में आने से सीकर, झुंझुनूं, चूरू, नीमकाथाना सहित अनेक जिलों में लगे अशोक के अधिकांश पेड़ ऊपर की तरफ से सूखने लगे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि कोलेटोट्राइकमग्लोओस्पोरियोइड्स नामक फंगस के कारण यह पौधे सूख रहे हैं। इस बीमारी को एन्थ्रेक्नोज कहते हैं।

ऊपर से सूख रहे, नीचे से हरे

उद्यान विभाग के उप निदेशक एवं कीट विज्ञानी उत्तम सिंह सिलाइच के अनुसार एन्थ्रेक्नोज भारत ही नहीं दुनिया के अनेक देशों में अनेक प्रकार की फसलों और फलों को प्रभावित करता है । इस बार यह अशोक के बड़ेपेड़ों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। यह फसल कटाई के बाद से पनपने लगता है। जून-जुलाई के बाद ज्यादा बढ़ता है। यह आम व अनार के पेड़ों में भी खूब होता है। लेकिन इस बार शेखावाटी में आम व अनार में इसका प्रभाव नहीं है। वहीं कई बार पानी व तेज धूप के कारण भी यह गर्मियों मे इस प्रकार सूखने लगता है।ऊपर की तरफ से सूख रहे अशोक के पेड़ नीचे की तरफ से सघन हरे हैं। सावन व भाद्रपद माह में अच्छी बरसात हुई। अब आश्विन माह लग गया है, लेकिन अशोक के अधिकांश पेड ऊपर से हरे नहीं हो रहे। सबसे पहले काेमल पत्तियां सूखती है। इसके बाद यह फंगस ऊपर से नीचे की तरफ फैलता है। इसकी सूखी हुई टहनी को नहीं काटा गया तो पूरे पेड़ को यह सुखा देता है।

एक्सपर्ट की राय, सूखे भाग को काटकर जलाएं

इस बार अशोक के पेड़ सूखने का कारण कोलेटोट्राइकमग्लोओस्पोरियोइड्स नामक फंगस है। यह इस बार लगातार नमी होने के कारण कई साल बाद तेजी से एक्टिव हुआ है। इसके फैलाव को रोकने के लिए पेड़ के सूखे हुए भाग को काटकर जला देना चाहिए। या जमीन में गहरा गाड़ देना चाहिए। इसके अलावा कार्बेन्डाजिम प्लस मैंकोजेब दवा की ढाई ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर पेड़ पर छिड़काव से इसका असर कम हो जाता है।

-शीशराम जाखड़, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग, झुंझुनूं

Updated on:
19 Sept 2024 12:32 pm
Published on:
19 Sept 2024 12:31 pm
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