झुंझुनू

मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए झुंझुनूं की महिलाएं बना रही बाजरे के बिस्कुट, लड्डू, पूर्व उपराष्ट्रपति ने भी की थी प्रशंसा

Rajasthan News: झुंझुनूं की ग्रामीण महिलाओं ने राजीविका के माध्यम से बाजरे के बिस्कुट, लड्डू और नमकीन बनाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। उनके उत्पाद न सिर्फ दिल्ली तक पहुंच रहे हैं, बल्कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी उनकी सराहना करते हुए आर्थिक मदद की थी।

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Nov 09, 2025
फोटो: पत्रिका

Jhunjhunu Women Making Millet Biscuits: बहुराष्ट्रीय कंपनियों के चमचमाते बिस्कुट के पैकेट पर झुंझुनूं की महिलाओं की ओर से बनाए जा रहे बाजरे के बिस्कुट स्वाद और सेहत की दृष्टि से भारी पड़ रहे हैं। बाजरे के बिस्कुट और लड्डू यहां की अनेक ग्रामीण महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं। अब तो इनके बिस्कुट दिल्ली तक पहुंच रहे हैं।

मंजू देवी ने बताया कि उसका पीहर हरियाणा के नारनौल में है। शादी चिड़ावा के निकट किठाना गांव में हुई। पति भी कमाते हैं लेकिन घर का खर्चा नहीं चलने पर महिलाओं का समूह बनाया। राजीविका में ट्रेनिंग के दौरान उनको बाजरे के बिस्कुट की मांग ज्यादा रहने के बारे में बताया।

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दस महिलाओं ने मिलकर ट्रेनिंग ली और हाथ से बाजरे के बिस्कुट, लड्डू व नमकीन बनाने लगी। आस-पास के गांव व मेलों में बाजरे व रागी के बने उत्पाद बेचने लगी। राजीविका के विप्लव न्योला ने बताया कि समूह अच्छा काम कर रहा है। समूह के बिस्कुट व लड्डू की क्वालिटी बेहतरीन है। जिला कलक्टर अरुण गर्ग भी समूह के कार्य की प्रशंसा कर चुके। अब तो दिल्ली में भी इनके बिस्कुट पहुंचने लगे हैं।

पूर्व उपराष्ट्रपति कर चुके प्रशंसा

राजीविका की बीपीएम रेणुका और महिलाएं पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलने दिल्ली गई। उनको बिस्कुट व लड्डू खिलाए तो काफी पसंद आए। मशीन से बनाने की सलाह पर महिलाओं ने पैसे नहीं होना बताया। तब धनखड़ ने मशीन के लिए तुरंत एक लाख रुपए की मदद की।

इस शुरुआत के बाद वे मशीनों से काम शुरू हुआ। अब एक मशीन से मिक्स तैयार करती है, दूसरी से नमकीन बनाती है और तीसरी से बिस्कुट व लड्डू बनाती है। अनेक लोगों की मांग के अनुरूप महिलाएं अब शुगर फ्री बिस्कुट व लड्डू भी अलग से बना रही हैं। रेणुका ने बताया कि जल्द ही महिलाओं के उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बेचने की ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी।

एक कसक भी

मंजू ने बताया कि राजीविका में समूह के बजाय एकल महिला के लिए भी योजना बननी चाहिए। साथ ही सरकारी कार्यक्रमों व बैठकों में दिए जाने वाले नाश्ते में विदेशी कम्पनियों के उत्पाद की बजाय श्रीअन्न के स्थानीय उत्पादों को शामिल करना चाहिए।

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Published on:
09 Nov 2025 09:42 am
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