झुंझुनूं जिले में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। भाभी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर देवर को झूठे एनडीपीएस केस में फंसाने की साजिश रची।
झुंझुनूं। जिले में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। भाभी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर देवर को झूठे एनडीपीएस केस में फंसाने की साजिश रची। देवर की कार में अफीम रखकर उसे रंगे हाथ पकड़वाने की तैयारी की गई थी, लेकिन कोतवाली पुलिस और एजीटीएफ की सतर्कता से षड्यंत्र नाकाम हो गया। साथ ही निर्दोष ग्राम विकास अधिकारी फंसने से बच गया। पुलिस ने मौके से 282.08 ग्राम अफीम बरामद की, जिसकी कीमत करीब 2 लाख रुपए आंकी गई है।
एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि जांच से सामने आया कि बगड़ थाना क्षेत्र की संपति देवी और खुडाणा निवासी जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू मीणा के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसकी जानकारी उसके देवर ग्राम विकास अधिकारी मंगलचंद आला को लग गई। मंगलचंद ने परिवार के सामने इस संबंध का विरोध किया और इसका जिक्र अन्य रिश्तेदारों से भी किया। यही बात भाभी और उसके प्रेमी को नागवार गुजरी। संपति देवी ने प्रेमी जीतू से कहा कि उसके देवर की वजह से वह समाज में बदनाम हो रही है, इसलिए उसे किसी भी तरह रास्ते से हटाना होगा। इसके बाद दोनों ने मिलकर षड्यंत्र रचा।
6 सितंबर 2025 को सुबह कोतवाली पुलिस को एजीटीएफ के माध्यम से सूचना मिली कि झुंझुनूं शहर में मंडावा मोड़ के पास निजी अस्पताल के सामने खड़ी एक सफेद कार में अफीम रखी है। यह सूचना जितेंद्र मीणा ने ही दी थी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और कार की तलाशी ली। चालक सीट के नीचे से प्लास्टिक के डिब्बे में भरा अफीम बरामद हुआ। कार में ग्राम विकास अधिकारी मंगलचंद आला, उसकी भाभी संपति देवी और उसका साला पिंटू बैठे थे।
अफीम मिलने पर जब उनसे पूछताछ की गई तो मंगलचंद और पिंटू दोनों ने साफ कहा कि उन्हें कार में रखी अफीम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मंगलचंद ने बताया कि वह अपनी भाभी को इलाज के लिए और साले को डॉक्टर को दिखाने झुंझुनूं लाया था। जांच व पूछताछ के बाद पुलिस ने सूचना देने वाले जितेंद्र मीणा व उसकी प्रेमिका संपति देवी को गिरफ्तार कर लिया।