Jaisalmer Bus Fire Update : राज्य सरकार के परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, मुख्यालय ने अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) एवं संयुक्त शासन सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है।
जोधपुर। आरटीओ की ओर से जेनम कोच यार्ड पर संयुक्त कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान, विभागीय टीम ने वहां बन रही 66 बसों के चेसिस नंबर लिए, वैधता देखी, इप्रेशन लेकर सभी बसों को कब्जे में लेकर सीज किया। वहीं अतिरिक्त परिवहन आयुक्त (प्रशासन) एवं संयुक्त शासन सचिव, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के ओमप्रकाश बुनकर ने बताया कि जैसलमेर बस दुखांतिका के बाद विभाग की ओर से तत्परता एवं संवेदनशीलता के साथ विस्तृत जांच कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, जोधपुर की टीम की ओर से जैनम कोच क्राफ्टर, जोधपुर परिसर में निर्मित बसों की जांच की जा रही है। अब तक 66 बसों को जब्त किया जा चुका है। यह परीक्षण किया जा रहा है कि कहीं बस बॉडी निर्माण के दौरान निर्धारित बॉडी कोड मानकों का उल्लंघन तो नहीं किया गया।
राज्य सरकार के परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, मुख्यालय ने अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) एवं संयुक्त शासन सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है। इसमें विभाग के दो अधिकारी एवं राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के दो अभियंता शामिल हैं। गठित कमेटी में ओमप्रकाश बुनकर (अपर परिवहन आयुक्त, प्रशा. एवं संयुक्त शासन सचिव), धर्मेन्द्र कुमार (प्रादेशिक परिवहन अधिकारी-द्वितीय), रवि सोनी (कार्यकारी निदेशक, यांत्रिकी, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम), हनुमान सिंह (संयुक्त महाप्रबन्धक, सेन्ट्रल वर्कशॉप, जोधपुर), नवनीत बाटड़ (मोटर वाहन निरीक्षक, मुख्यालय) शामिल है।
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उन्होंने बताया कि यह समिति जैसलमेर बस दुर्घटना से संबंधित परिवहन विभागीय एवं तकनीकी पहलुओं की गहन जांच करेगी। समिति बुधवार रात को जोधपुर पहुंच चुकी है और जैसलमेर का दौरा करेगी।
राज्य सरकार ने एक स्वतंत्र संस्था सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT), पुणे को भी इस घटना की तकनीकी जांच के लिए आमंत्रित किया है।
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CIRT की टीम संभवतः आगामी शनिवार एवं रविवार को जैसलमेर का दौरा करेगी तथा अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगी।
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परिवहन विभाग ने सभी बस परिवहन संघों से आह्वान किया गया है कि वे इस अभियान में पूर्ण सहयोग करें तथा बसों में बस बॉडी में सुरक्षा मानकों के अनुरूप आवश्यक सुधार सुनिश्चित करने के बाद ही उनका संचालन करें।