Rajasthan Politics: जोधपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एयरपोर्ट पर पत्रकारों से की बातचीत, भजनलाल सरकार पर साधा निशाना
राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को बजट पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे और कांग्रेस विधायकों के निलंबन का पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विरोध किया है। शनिवार को जोधपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा कि अभिव्यक्ति व्यक्त करने वालों को चुप कराने की यह भाजपा की नई परंपरा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाद राजस्थान में भी विधायकों को चुप कराने की यह नई परंपरा शुरू हुई है। अगर विपक्ष में किसी प्रकार का गुस्सा है तो सत्ता पक्ष को उस गुस्से को शांत करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे सदन चलता रहे। इसकी पूरी जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है।
बजट पर अच्छी बहस हो, जनता के मुद्दे उठें, यही कायदा होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अब तक कोई काम नहीं किया है, इसलिए गांव-गांव में अब पिछली कांग्रेस सरकार की चर्चा हो रही है। सत्ता पक्ष ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस विधायकों का निलंबन कर रही है।
उन्होंने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा, जो कि एक मंत्री हैं, उन्होंने कहा कि मेरा फोन टेप हो रहा है। विपक्ष इस पर सरकार का जवाब चाहता था, लेकिन सत्ता पक्ष इसका जवाब नहीं देना चाहती थी। इसलिए सदन में हंगामा चलता रहा।
राजस्थान बजट पर उन्होंने कहा कि मैं खुद अब एक बार वापस जोधपुर आऊंगा। इसके बाद एक-एक योजना का रिव्यू करूंगा। दलित अत्याचार पर गहलोत ने कहा कि जोधपुर सहित राजस्थान के कई जिलों में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ गईं हैं। एक के बाद एक करके दलितों को घोड़ी से उतारने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
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गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष की ओर से पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया था। इसके बाद विधायकों ने सदन के वेल में आकर नारेबाजी की।
इस दौरान कांग्रेस विधायकों की स्पीकर वासुदेव देवनानी से नोकझोंक हुई। इसके चलते सत्ता पक्ष की ओर से मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस के 6 विधायकों को बजट सत्र की कार्यवाही से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव तुरंत ही विधानसभा में पारित हो गया।