Rajasthan News: कोर्ट ने कहा कि अनुसंधान अधिकारी की जांच उचित प्रतीत होती है, जिसमें हस्तक्षेप किए जाने का कोई आधार नहीं है।
Rajasthan News: लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत बनी विशेष पॉक्सो कोर्ट जोधपुर महानगर के पीठासीन अधिकारी ने बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन (Former MLA Mewaram Jain) और सात अन्य के खिलाफ कथित गैंगरेप को लेकर दर्ज एफआईआर के आरोप जांच में सही नहीं पाए जाने पर पुलिस की ओर से पेश अंतिम प्रतिवेदन (एफआर) को मंजूर कर लिया है।
विशेष कोर्ट ने अपने सात पेज के आदेश में लिखा है कि परिवादी, एक अन्य महिला तथा शिकायतकर्ता की पुत्री ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए अपने बयानों में प्रथम सूचना रिपोर्ट में उल्लेखित तथ्यों का पूर्णतया खंडन किया है। तथ्यों की पुष्टि नहीं होने पर कोर्ट ने कहा कि मामले में कोई अपराध घटित हुआ हो, ऐसा साक्ष्य से प्रथम दृष्टया प्रकट नहीं हुआ है। अनुसंधान अधिकारी की जांच उचित प्रतीत होती है, जिसमें हस्तक्षेप किए जाने का कोई आधार नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले साल पूर्व विधायक जैन और अन्य व्यक्तिओं पर गैंगरेप और पोक्सो के आरोपों के तहत राजीव गांधी थाने में मामला दर्ज किया गया था। मामले में पुलिस अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था। हाई प्रोफाइल मामले का तथाकथित वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। मामले की गूंज पिछले विधानसभा चुनावों में भी रही थी।