अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने कहा कि जोधपुर सीएमएचओ कार्यालय ने भंवरी देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं होने की आड़ में मामला लंबित कर रखा है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने एकल पीठ के आदेश के 21 माह बीत जाने के बावजूद एएनएम भंवरी हत्याकांड मामले में पेंशन परिलाभ नहीं दिए जाने पर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किए हैं। जोधपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह शेखावत, चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़, निदेशक (अराजपत्रित) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय राकेश कुमार शर्मा, पेंशन विभाग, एलआइसी सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
न्यायाधीश रेखा बोराणा की एकल पीठ में याचिकाकर्ता साहिल पेमावत व अन्य की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने कहा कि 2011 में भंवरी देवी की हत्या के बाद एकल पीठ ने बकाया सेवा परिलाभ, नियमित पेंशन और सेवानिवृत्ति परिलाभ की गणना कर सभी परिलाभ देने के आदेश दिए थे, लेकिन आदेश जारी होने के 21 माह बाद भी उसकी पालना नहीं हुई है। जोधपुर सीएमएचओ कार्यालय ने भंवरी देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं होने की आड़ में मामला लंबित कर रखा है।
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बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने अपहरण व हत्या का शिकार जोधपुर की एएनएम भंवरीदेवी के बकाया सेवा परिलाभ, पेंशन व सेवानिवृत्ति परिलाभ राशि का उनके एक बेटे व दो बेटियों को भुगतान करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने मृतका के पति को इस राशि से वंचित कर दिया है। पीठ ने मृतका के समस्त बकाया सेवा परिलाभ, देय पेंशन एवं अन्य समस्त सेवानिवृत्ति परिलाभ की गणना कर बच्चों को उसका चार माह में भुगतान करने का आदेश दिया था। परिलाभ पर बकाया होने की तिथि से सेवा नियमों के अनुसार ब्याज भी देने को कहा था।