Rajasthan Politics: जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री और सरदारपुरा से वर्तमान विधायक अशोक गहलोत के खिलाफ जनता ने अनोखा विरोध दर्ज कराया है। जगह-जगह "लापता विधायक" के पोस्टर लगाए गए हैं।
Rajasthan Politics: जिले और संभाग खत्म होने के बाद मचे राजनीतिक घमासान के बीच एक रोचक खबर सामने आई है। जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री और सरदारपुरा से वर्तमान विधायक अशोक गहलोत के खिलाफ जनता ने अनोखा विरोध दर्ज कराया है। वार्ड नंबर-69 स्थित सांसी कॉलोनी और रातानाडा की बस्तियों में जगह-जगह "लापता विधायक" के पोस्टर लगाए गए हैं। बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत के पूरे राजनीतिक जीवन में पहली बार इस तरह का विरोध हुआ है।
दरअसल, जगह-जगह पोस्टरों पर लिखा गया है कि, 'हमारे विधायक जी लापता हैं, थे मासे दूर हो गया अशोक जी…श्री अशोक जी गहलोत विधायक सरदारपुरा एवं पूर्व मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार अपनी विधानसभा से चुनाव के बाद से लापता है। कहीं दिखे तो बोलिए की विधानसधा में जाए और विकास के लिए कुछ करें।'
पोस्टर लगाने वाले स्थानीय निवासियों का कहना है कि चुनाव के बाद अशोक गहलोत ने क्षेत्र का दौरा नहीं किया और जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। बस्ती में सड़कें खराब हैं, पानी की किल्लत है और सफाई की हालत दयनीय है। यहां के सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं, जैसे शौचालय की व्यवस्था तक नहीं है।
सांसी कॉलोनी के एक प्रतिनिधि ने कहा कि अगर समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़ा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि बस्ती में लड़कियों के लिए एकमात्र सरकारी स्कूल है, लेकिन वहां शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं।
इस तरह घटना के बाद राजस्थान की राजनीति में विरोधी नेताओं की ओर से प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई हैं। बीजेपी के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि झारखंड में कोई पेड़ गिर जाए तो भी प्रतिक्रिया देने वाले हमारे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के खुद के शहर जोधपुर में उनके लापता होने के पोस्टर जनता लगा रही है।
बताते चलें कि सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति पोस्टर लगाते हुए कहता है कि "गहलोत साहब ने कहा था कि मैं थांसू दूर नहीं, तो अब कहां हैं अशोक गहलोत?" स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि विधायक कोष से कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ है। उन्होंने चुनाव के समय वादे किए थे, लेकिन उनमें से किसी को भी पूरा नहीं किया गया।
गौरतलब है कि अशोक गहलोत जैसे अनुभवी नेता के लिए इस तरहे के पोस्टर लगना उनके राजनीतिक करियर पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है।