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BJP के पूर्व सांसद ने सांचौर जिला खत्म करने का किया विरोध, CM भजनलाल को लिखा पत्र; उठाई बड़ी मांग

Rajasthan District News: राजस्थान की भजनलाल सरकार के ने गहलोत राज में बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 को खत्म करने के फैसले के बाद विरोध बढ़ता जा रहा है।

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CM Bhajanlal

Rajasthan District News: राजस्थान की भजनलाल सरकार के ने गहलोत राज में बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 को खत्म करने के फैसले के बाद विरोध बढ़ता जा रहा है। हाल ही में रद्द किए गए सांचौर जिले को लेकर स्थानीय निवासियों में आक्रोश पनपा हुआ है। इस बीच जालौर-सिरोही लोकसभा के पूर्व सांसद देवजी पटेल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर सांचौर जिले को पुनः बहाल करने और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए वहां अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम) कार्यालय खोलने का अनुरोध किया है।

सांचौर को जिला बनाए रखने की मांग

देवजी पटेल ने अपने पत्र में कहा कि 2023 में जालौर से अलग कर सांचौर को जिला बनाया गया था, जिससे प्रशासनिक व्यवस्थाओं में काफी सुधार हुआ। लेकिन, इसे रद्द करने के बाद स्थानीय निवासियों में असुरक्षा और असंतोष बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि सांचौर में पहले चोरी, लूट और हत्या जैसी आपराधिक गतिविधियां आम थीं, लेकिन जिला बनने के बाद इन पर काफी हद तक अंकुश लगा था।

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सांचौर का रणनीतिक महत्व बताया

पूर्व सांसद ने बताया कि जालौर से सांचौर की दूरी 134 किमी है, जिससे स्थानीय निवासियों को प्रशासनिक कामों के लिए भारी परेशानी होती है। उन्होंने सांचौर की भौगोलिक और रणनीतिक स्थिति को देखते हुए इसे जिला बनाए रखने की मांग की।

देवजी पटेल ने पत्र में सांचौर के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सांचौर से नेशनल हाईवे, भारतमाला परियोजना एक्सप्रेसवे गुजरता है, जो पंचपदरा रिफाइनरी और कांडला पोर्ट जैसे महत्वपूर्ण औद्योगिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ता है। इसके अलावा, सांचौर में पथमेड़ा गौशाला और नंदीशाला गोलासन जैसे स्थान भी हैं।

एडीएम कार्यालय खोलने का अनुरोध

सांचौर के निवासियों की समस्याओं को देखते हुए सांसद देवजी पटेल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जब तक सरकार इस फैसले की पुनः समीक्षा नहीं करती, तब तक सांचौर में एक अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम) कार्यालय खोला जाए, ताकि स्थानीय निवासियों की प्रशासनिक दिक्कतें दूर हो सकें।

उन्होंने कहा कि सांचौर जिले के रद्द होने से स्थानीय निवासियों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। उनका मानना है कि जिले के रद्द होने से न केवल प्रशासनिक दिक्कतें बढ़ेंगी, बल्कि क्षेत्र में अपराध और अव्यवस्था भी फिर से बढ़ सकती है।

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