Rajasthan High Court : राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के निलंबन से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
Rajasthan High Court : राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के निलंबन से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि निलंबन दंड नहीं, बल्कि एक एहतियाती कदम है, लेकिन इसे अनिश्चितकाल तक जारी नहीं रखा जा सकता।
न्यायाधीश अरुण मोंगा की एकल पीठ ने कहा कि यदि किसी कर्मचारी को अनुशासनात्मक कार्यवाही के विचाराधीन होने के कारण निलंबित किया जाता है तो 30 दिनों के भीतर आरोप पत्र या कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो केवल 30 दिनों का अतिरिक्त समय दिया जा सकता है, बशर्ते इसके ठोस कारण दर्ज किए जाएं और कर्मचारी को इसकी सूचना दी जाए।
पीठ ने लंबी अवधि से निलंबित चार कर्मचारियों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए उनके निलंबन आदेश रद्द कर दिए और सरकार को निर्देश दिया कि 30 दिनों के भीतर उन्हें बहाल किया जाए।
किसी कर्मचारी को बिना ठोस कारण के लंबे समय तक निलंबित रखा जाता है तो यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इन दिशा-निर्देशों को सभी विभागों में लागू करे।