Jodhpur News: जोधपुर एक्सपो में आर्मेनिया एयरफोर्स चीफ ने सीडीएस अनिल चौहान से की बात, आर्टिलरी गन और पिनाका रॉकेट का पहले ऑर्डर दे चुका है
Jodhpur News: आर्मेनिया अपने लड़ाकू विमान सुखोई-30 को भारत के हिंदुस्तान एयराेनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से अपग्रेड करवाना चाहता है। आर्मेनिया के पास वर्तमान में चार सुखोई-30 विमान हैं, लेकिन उसमें एयर टू एयर मिसाइल, एवियोनिक्स सहित अत्याधुनिक राडार सिस्टम का अभाव है।
गत दिनों तरंगशक्ति युद्धाभ्यास में जोधपुर आए आर्मेनिया एयरफोर्स के चीफ कर्नल होवन्स वरदयान ने इसकी मंशा जताई थी। युद्धाभ्यास के अंतिम दिन जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर लगाए गए डिफेंस एक्सपो में कर्नल वरदयान ने सीडीएस अनिल चौहान से इस संबंध में बातचीत भी की।
गौरतलब है कि जोधपुर में भारतीय वायुसेना की दो स्क्वाड्रन तैनात हैं और दोनों ही सुखोई-30 एमकेआई की हैं। आर्मेनिया ने युद्धाभ्यास में भारत के सुखोई का अमरीका, ग्रीस और यूएई के एफ-16 लड़ाकू विमान के साथ तुलनात्मक पावर देखी, जिसके बाद वह अपने बेड़े के सुखोई-30 को भी अपग्रेड करवाना चाहता है। वैसे आर्मेनिया के सुखोई-30 और भारत के सुखोई-30 एमकेआई में कुछ अंतर है।
आर्मेनिया ने रूस से 2019 में चार सुखोई विमान खरीदे थे, लेकिन एयर टू एयर मिसाइल सहित अन्य हथियार नहीं होने से वे सफेद हाथ साबित हो रहे हैं। वर्ष 2020 में आर्मेनिया व अजरबैजान के साथ हुए युद्ध में उसके सुखोई-30 ग्राउण्ड पर ही खड़े रहे थे। अजरबैजान से संघर्ष के बाद से आर्मेनिया भारत से तोपों के अलावा कुछ मिसाइलें, मोर्टार, राडार, छोटे हथियार और साइट सिस्टम की खरीद भी की है। भारत के कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स को 155 मिमी वाली आर्टिलरी गन का 155 मिलियन डॉलर में ऑर्डर दिया है। इसके अलावा पिनाका रॉकेट सिस्टम भी खरीदा है।
भारत के पास करीब 260 सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान हैं। इनमें 50 सीधे रूस से आए, जबकि शेष एचएएल ने टीओटी के साथ भारत में ही तैयार किए हैं। एचएएल भारत के सुखोई-30 को भी अपग्रेड कर रहा है। एयरफोर्स ने इसके लिए 64 हजार करोड़ रुपए का समझौता किया है। इसे अब उत्तम राडार और अत्याधुनिक हथियार से लैस किया जाएगा।