
गजेंद्र सिंह दहिया
National Technology Day 2024: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से सम्बद्ध रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर की ओर से तैयार रडार एब्जोर्बिंग पेंट भारतीय वायुसेना के सभी लड़ाकू विमानों पर लगाया जाएगा। इसके बाद वायुसेना के लड़ाकू विमान दुश्मन देशों के रडार की पहुंच से दूर रहेंगे। डीआरडीओ तीन कम्पनियों को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (टीओटी) कर रही है। कम्पनियां वायुसेना के बेस पर जाकर लड़ाकू विमानों को पेंट करेंगी।
डीआरडीओ जोधपुर ने 2019 में रडार एब्जोर्बिंग पेंट तैयार किया था, जिसके बाद से पांच साल तक लगातार टेस्टिंग की जा रही थी। लेबोरेट्री प्लेटफॉर्म के लिए सबसे पहले लड़ाकू विमान मिग-29-के को चुना गया। लड़ाकू विमान पर पेंट लगाकर फुल परीक्षण जोधपुर एयरबेस पर तैनात सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान पर किया गया। सुखोई पर कई परीक्षण के बाद पेंट को हरी झंडी दी गई। हाल ही वायुसेना में शामिल एलसीए तेजस लड़ाकू विमान पर भी पेंट लगाकर परीक्षण हुआ।
एयरबेस पर भी पेंट लगाया, लेजर बम से होगी सुरक्षा
इस पेंट का उपयोग सामरिक महत्व की वस्तुओं पर भी किया जाएगा। डीआरडीओ ने कुछ एयरबेस पर पेंट करके परीक्षण किया है। एयरबेस पर पेंट के बाद हवा में उड़ रहा लड़ाकू विमान का रडार उसको पकड़ नहीं पाया। इससे दुश्मन देशों के लड़ाकू विमानों के लेजर बमों से एयरबेस सुरक्षित रहेंगे।
नेवी की मदद से समुद्री परििस्थतियों का परीक्षण
जोधपुर में रेगिस्तानी परििस्थतियों में परीक्षण के बाद पेंट का दक्षिणी भारत में नेवी के बेस पर मिग-29 लड़ाकू विमान पर परीक्षण किया जो सफल रहा।
दूसरे देश नहीं देते
फ्रांस के रफाल लड़ाकू विमान और अमरीका के एफ-14 लड़ाकू विमानों पर भी रडार एब्जोर्बिंग पेंट है। रूस और चीन ने भी यह टेक्नोलाॅजी विकसित की है, लेकिन वे भारत को यह टेक्नोलॉजी ट्रांसफर नहीं कर रहे थे, इसलिए भारत ने स्वयं की टेक्नोलॉजी तैयार की है।
पेंट की विशेषताएं
Updated on:
11 May 2024 10:26 am
Published on:
11 May 2024 10:24 am
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