जोधपुर

Rajasthan: राजस्थान में हाईवे के पास शराब की दुकानों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार को दिया बड़ा निर्देश

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर दायरे में चल रही सभी शराब दुकानों को दो महीने में हटाना या शिफ्ट करना होगा।

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Nov 26, 2025
राजस्थान हाईकोर्ट। फाइल फोटो- पत्रिका

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो महीने की अवधि में नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में मौजूद हर शराब की दुकान को हटाने या शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार सड़क हादसों के बढ़ते खतरों से इंसानी जिंदगी की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने में नाकाम रही है।

न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी व न्यायाधीश संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने कन्हैयालाल सोनी की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि राजस्थान में जानलेवा हादसों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। कोर्ट ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है।

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सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने माना कि राजस्थान में 7665 शराब की दुकानों में से 1102 नेशनल और स्टेट हाईवे पर हैं, लेकिन यह भी कहा कि ये जगहें शहरी सीमाओं के बढ़ने की वजह से शहरी निकायों की सीमा में आती हैं।

सरकार की दलील

कोर्ट ने कहा कि नेशनल और स्टेट हाईवे पर 1102 शराब की दुकानों का संचालन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के पीछे के सुरक्षा मकसद को पूरी तरह से खत्म कर रहा है। पीठ ने कहा कि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से मिले सीमित अधिकार का गलत इस्तेमाल किया है और हाईवे के हिस्सों को बढ़ते शहरी इलाकों का हिस्सा मानना अनुचित है। सरकार ने यह दलील भी दी कि शहरी निकायों के क्षेत्र में आने वाली दुकानों से 2200 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व जुड़ा है।

प्रमुख निर्देश

  • खंडपीठ ने हाईवे से दिखने वाले शराब की दुकानों के गैर-कानूनी विज्ञापन, साइनेज और डिस्प्ले बोर्ड को लेकर भी चिंता जताई।
  • कोर्ट ने सख्त आदेश दिया कि राज्य में किसी भी नेशनल या स्टेट हाईवे के 500 मीटर के अंदर कोई भी शराब की दुकान चालू नहीं रहनी चाहिए। दो महीने के अंदर ऐसी सभी दुकानों को हटाने या दूसरी जगह शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
  • कोर्ट ने साफ किया कि यह रोक शहरी निकाय से निकलने वाले हाईवे पर भी लागू रहेगी। आबकारी आयुक्त को अगली सुनवाई से पहले एक विस्तृत अनुपालना शपथ पत्र दाखिल करने को कहा गया है।

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