राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर दायरे में चल रही सभी शराब दुकानों को दो महीने में हटाना या शिफ्ट करना होगा।
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो महीने की अवधि में नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में मौजूद हर शराब की दुकान को हटाने या शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार सड़क हादसों के बढ़ते खतरों से इंसानी जिंदगी की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने में नाकाम रही है।
न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी व न्यायाधीश संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने कन्हैयालाल सोनी की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि राजस्थान में जानलेवा हादसों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। कोर्ट ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है।
सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने माना कि राजस्थान में 7665 शराब की दुकानों में से 1102 नेशनल और स्टेट हाईवे पर हैं, लेकिन यह भी कहा कि ये जगहें शहरी सीमाओं के बढ़ने की वजह से शहरी निकायों की सीमा में आती हैं।
कोर्ट ने कहा कि नेशनल और स्टेट हाईवे पर 1102 शराब की दुकानों का संचालन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के पीछे के सुरक्षा मकसद को पूरी तरह से खत्म कर रहा है। पीठ ने कहा कि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से मिले सीमित अधिकार का गलत इस्तेमाल किया है और हाईवे के हिस्सों को बढ़ते शहरी इलाकों का हिस्सा मानना अनुचित है। सरकार ने यह दलील भी दी कि शहरी निकायों के क्षेत्र में आने वाली दुकानों से 2200 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व जुड़ा है।