
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी। फोटो- पत्रिका
श्रीगंगानगर। पुलिस ने साइबर फ्रॉड, हवाला ट्रांजेक्शन और फर्जी बैंकिंग नेटवर्क में शामिल एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस ऑपरेशन में जवाहरनगर पुलिस स्टेशन की टीम ने दो कारों से तीन युवकों को गिरफ्तार किया। उनके पास से भारी मात्रा में कैश, चांदी, बैंकिंग डॉक्यूमेंट्स, सिम कार्ड, लैपटॉप और अन्य संदिग्ध सामान बरामद किया।
जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि शुरुआती जांच में यह पूरा नेटवर्क ऑर्गनाइज्ड साइबर फ्रॉड, हवाला ट्रांजेक्शन और नकली अकाउंट चलाने में शामिल पाया गया है। आरोपियों के पास से 21 लाख रुपए, 21514 ग्राम चांदी, 90 चेक बुक, 13 पासबुक, 64 एटीएम कार्ड, 44 सिम कार्ड समेत बड़ी संख्या में नकली डॉक्यूमेंट्स जब्त किए गए हैं।
एसपी ने बुधवार को बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुवीर प्रसाद शर्मा, आईपीएस सहायक पुलिस अधीक्षक शहर विशाल जांगिड़ के सुपरविजन व जवाहरनगर थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एसआई नरेश कुमार की गठित टीम को गश्त के दौरान सूचना मिली कि पुलिस लाइन अबोहर रोड पर दो सफेद रंग की गाड़ियां खड़ी हैं, इसमें तीन जने सवार हैं। इनके पास साइबर फ्रॉड से संबंधित धनराशि, कीमती धातु सहित अन्य सामान है।
इस आधार पर पुलिस की टीम ओवरब्रिज से आगे पुलिस लाइन के पीछे अबोहर रोड पर मोड पर पहुंची तो वहां पर सफेद रंग की गाड़ियां खड़ी मिलीं। इन गाड़ियों की तलाशी में 21.10 लाख रुपए, 21.514 किलोग्राम चांदी, 90 चेकबुक, 13 पासबुक, 64 एटीएम कार्ड , 44 सिम कार्ड, कई व्यक्तियों के आधार कार्ड, पैन कार्ड, जनाधार कार्ड, 12 रबर स्टाम्प/ मुहरें, 23 बिल बुक/ रजिस्ट्रेशन बुक, लैपटाप, फर्जी कम्पनियों के जीएसटी नम्बर और अन्य दस्तावेज बरामद हुए।
पुलिस ने इस मामले में रिद्धी-सिद्धी आंगन निवासी चन्द्रकुमार बंसल (29) पुत्र तुलसीराम, बाग कॉलोनी निवासी संदीप (25) पुत्र महेन्द्र चौहान, डायमंड सिटी कॉलोनी निवासी दीपक (25) पुत्र सोहनलाल को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई में उपनिरीक्षक नरेश कुमार, कांस्टेबल विरेन्द्र , भरतलाल, दलीप, विकास व शेरसिंह आदि शामिल रहे।
एसपी ने बताया कि तीनों युवकों से पूछताछ के दौरान एक बड़े संगठित वित्तीय अपराध नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इस गिरोह का मुख्य आरोपी चंद्र कुमार हवाला, ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टोकरेंसी (USDT) से जुड़े संदिग्ध लेन-देन को मैनेज करता था, जबकि आरोपी संदीप और दीपक गरीब तथा असहाय व्यक्तियों के नाम पर बैंक खाते खुलवाकर उनकी पासबुक और एटीएम का दुरुपयोग करते थे।
यह शातिर गिरोह फर्जी फर्मों के दस्तावेजों का उपयोग कर खातों को अनफ्रीज भी करवाता था। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि इन फर्जी खातों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर साइबर ठगी और हवाला नेटवर्क चलाने के लिए हो रहा था। इस पूरे नेटवर्क से जुड़े लोगों के बारे में धरपकड़ की जाएगी।
Updated on:
26 Nov 2025 08:01 pm
Published on:
26 Nov 2025 07:52 pm
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