जोधपुर अपने ऐतिहासिक किलों, महलों और झील के लिए मशहूर है। यहां हर कदम पर इतिहास और रोमांच का अनुभव मिलता है, जो हर यात्री को मंत्रमुग्ध कर देता है।
जोधपुर। राजस्थान की ब्लू सिटी जोधपुर अपने विशाल किलों और चमचमाते महलों से हर आने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती है। यहां हर पत्थर में इतिहास बसता है और हर कोने में रोमांच छिपा है। आइए जानते हैं जोधपुर की पांच सबसे खास जगहें, जहां हर कदम पर नया जादू खुलता है।
मेहरानगढ़ किले के अंदर बसा शीश महल सचमुच जादुई है। छत से फर्श तक बेल्जियम के लाखों छोटे-छोटे दर्पण जड़े हैं, जो सूरज की किरण पड़ते ही पूरे हॉल को रंग-बिरंगी रोशनी में चमका देते हैं। यहां इंद्रधनुष जैसा नजारा भी दिखता है। राजपरिवार का निजी कक्ष रहा यह महल आज सबसे ज्यादा फोटो खिंचवाने वाली जगह है। इस साल 50,000 से ज्यादा पर्यटक यहां आ चुके हैं।
मेहरानगढ़ किले का सबसे शानदार फूल महल महाराजाओं का निजी विश्राम कक्ष था। दीवारों पर शुद्ध सोने की पत्तियों से बनी नक्काशी आज भी चमकती है। अहमदाबाद से लाया गया सोना और रंग-बिरंगे शीशे इसे बेमिसाल बनाते हैं। यहां खड़े होकर ऐसा लगता है मानो आप खुद राजा बन गए हों।
शहर से सिर्फ 8 किमी दूर 1872 में सर प्रताप सिंह ने बनवाई यह मानव-निर्मित झील आज जोधपुर की लाइफ-लाइन है। चारों तरफ चट्टानें, हरी पहाड़ियां और शांत नीला पानी फैला है। सुबह-सुबह सैकड़ों प्रवासी पक्षी, शाम को सूरज का पानी में डूबना, यहां की खूबसूरती को बढ़ा देता है। बोटिंग, बर्ड वॉचिंग और पिकनिक के लिए यह सबसे अच्छी जगह है। सर्दियों में यहां का नजारा देखने के बाद कहीं और जाने का मन ही नहीं करता।
महाराजा उम्मेद सिंह ने 1929-43 में इसका निर्माण कराया। आज इसका एक हिस्सा शाही परिवार का घर, एक हिस्सा 5 स्टार होटल और बाकी म्यूजियम है। पुरानी रॉल्स रॉयस कारें, शाही हथियार, शाही दीवारें, शहर का नजारा, इनडोर पूल, प्राइवेट थिएटर, यह वह महल है जहां रियल लाइफ में राजा बनने का सपना पूरा होता है। यह सर्दियों में सबसे सुंदर दिखता है। इसे जोधपुर शहर की शान भी कहा जाता है।
कायलाना झील से कुछ दूरी पर फैला माचिया जैविक उद्यान असली जंगल जैसी फील देता है। यहां भेड़िए, रेगिस्तानी लोमड़ी, जंगली बिल्ली, स्पॉटेड डियर, मॉनिटर लिजर्ड और ढेर सारे रंग-बिरंगे पक्षी देखने को मिल जाएंगे। माचिया किले की चोटी से सूर्यास्त देखना दिल को भा जाता है।