SIR प्रक्रिया को लेकर यूपी केमें सियासत गरम है। अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए सरकार पर बीएलओ की मौतों को नजरअंदाज करने और प्रशासन का दुरुपयोग कर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया।
यूपी में SIR प्रक्रिया को लेकर सियासी टकराव तेज हो गया है। अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए सरकार पर बीएलओ की मौतों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि भाजपा प्रशासनिक मशीनरी का गलत इस्तेमाल कर लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने SIR प्रक्रिया को लेकर केंद्र और यूपी सरकार पर कड़ा हमला बोला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विपक्ष ड्रामा कर रहा है। वाले बयान का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि असल में ड्रामा कौन कर रहा है। जनता सब अच्छे से जानती है। उनका कहना है कि जिन क्षेत्रों में SIR का काम चल रहा है। वहां बीएलओ भारी दबाव में काम कर रहे हैं। कई की जान जा चुकी है। ऐसे में सरकार का विपक्ष को कठघरे में खड़ा करना उचित नहीं है।
अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रशासन और पुलिस के सहारे चुनावी माहौल को प्रभावित कर रही है। उनका दावा है कि कई जगहों पर मतदाताओं को डराने-धमकाने तक की घटनाएं सामने आई हैं। और सत्ताधारी दल के पास संसाधनों की भरमार होने की वजह से उनका मुकाबला कोई नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती तभी मुमकिन है। जब चुनावी प्रक्रियाएं पारदर्शी और बिना दबाव के हों। लेकिन मौजूदा हालात इसके विपरीत दिख रहे हैं।
SIR को लेकर विपक्ष का आरोप है कि प्रक्रिया इतनी जल्दबाजी में शुरू की गई कि जमीनी स्तर पर तैनात कर्मचारियों को ठीक से ट्रेनिंग तक नहीं मिली। कई बीएलओ को फॉर्म भरने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सपा का दावा है कि अत्यधिक काम और तनाव की वजह से अब तक आठ बीएलओ की मौत हो चुकी है। जिनमें तीन ने आत्महत्या की जबकि पांच की मौत हार्ट अटैक या ब्रेन हेमरेज से हुई। अखिलेश ने कहा कि सरकार को राजनीतिक लाभ के बजाय कर्मचारियों की सुरक्षा और मतदाताओं के अधिकारों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने मांग की कि SIR की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।