Husband-wife dispute कन्नौज में शादी के 6 महीने बाद पति-पत्नी के बीच अनबन हो गई और दोनों अलग रहने लगे। पत्नी की शिकायत पर अदालत ने 16 हजार रुपए प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता देने का आदेश दिया। लेकिन पति ने अदालत के आदेश को नहीं माना। अब पांच बीघा खेत की नीलामी से मिले पैसे से रकम अदा की जाएगी।
Husband-wife dispute उत्तर प्रदेश के कन्नौज में पत्नी को गुजारा-भत्ता ना देने पर अदालत में खेत को कुर्क कर लेने का आदेश दिया। जिसकी नीलामी करके पत्नी को गुजारा भत्ता की धनराशि दी जाएगी। मामला फर्रुखाबाद कोतवाली और कन्नौज की तिर्वा क्षेत्र से जुड़ा है। कुटुंब न्यायालय फर्रुखाबाद ने पत्नी को 16 हजार रुपए प्रति माह देने का निर्देश दिया था। जिसे पति ने नहीं दिया। अब अदालत के आदेश पर खेत नीलाम करके यह धनराशि देने की तैयारी प्रशासन कर रहा है। 28 नवंबर को 5 बीघा खेत की नीलामी की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज के तिर्वा इंदिरा नगर निवासी शांतनु त्रिपाठी पुत्र रमेश चंद्र त्रिपाठी की शादी फर्रुखाबाद आवास विकास कॉलोनी निवासी अर्चना तिवारी के साथ हुई थी। 2005 में हुई शादी के बाद 6 महीने बाद दोनों के बीच अनबन हो गई और दोनों अलग-अलग रहने लगे। अर्चना ने फर्रुखाबाद थाना में तहरीर देकर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। मामला प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय फर्रुखाबाद में सुना गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय में शांतनु को 16 हजार रुपए प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता देने के आदेश दिये।
नहीं दिया भरण-पोषण भत्ता
कुटुंब न्यायालय के आदेश के विपरीत शांतनु त्रिपाठी ने अर्चना को भरण-पोषण भत्ता नहीं दिया। इसके बाद अर्चना एक बार फिर अदालत की शरण में गई। जनवरी 2024 में अदालत में डीएम को आदेश दिया कि जमीन कुर्क कर नीलामी के पैसे से गुजारा भत्ता की रकम अदा की जाए। लेकिन प्रशासन ने अदालत के आदेश को अनदेखा कर दिया।
अर्चना की शिकायत पर अदालत ने दूसरी बार पत्र भेज कर 18 लाख रुपए रिकवरी के आदेश दिए। बीते रविवार को अदालत के आदेश पर एसडीएम अशोक कुमार, नायब तहसीलदार, संग्रह अमीन आदि ने शांतनु त्रिपाठी की 5 बीघा जमीन को कुर्क कर लिया। जो बरधइया पाला रोड तिर्वा गांव की है। अब प्रशासन 28 नवंबर को खेत की नीलामी करेगी। जिससे मिली रकम में से 18 लाख रुपए अर्चना तिवारी को दिया जाएगा।