सपा विधायक को एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। सबसे कम उम्र के विधायक बनने का उन्हें मौका मिला था। लेकिन अब विधायक का पद जाना निश्चित है। ऐसे में उपचुनाव होना है। सपा किसे टिकट देती है? इस पर अभी से चर्चा शुरू हो गई है।
समाजवादी पार्टी के विधायक को एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। जिससे विधायक का पद खतरे में पड़ गया है। लेकिन जाना निश्चित है। विधानसभा अध्यक्ष इसकी घोषणा करेंगे। लेकिन नियम है कि 2 वर्ष से अधिक की सजा होने के साथ ही विधायक का पद स्वत: निरस्त हो जाता है। विधायक के पास हाई कोर्ट जाने का रास्ता बना हुआ है। लेकिन राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में रिक्त हो रही सीट के उपचुनाव की भी चर्चा होने लगी। देखना दिलचस्प होगा कि समाजवादी पार्टी इस सीट से किसे चुनाव लड़ाती है। वैसे सपा विधायक के परिवार से ही किसी को टिकट दिए जाने की चर्चा है। मामला सीसामऊ में विधानसभा के विधायक इरफान सोलंकी से जुड़ा हुआ है। जिन्हें अदालत में सजा सुनाई है।
इरफान सोलंकी को विधायक बनने का मौका उनके पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी के निधन के बाद मिला। जो आर्य नगर से विधायक थे। हाजी मुश्ताक सोलंकी ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर 1996 और 2002 में विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। 2006 में हाजी मुस्ताक सोलंकी की मृत्यु के बाद हुए 2007 के उपचुनाव में इरफान सोलंकी ने जीत हासिल की।सबसे कम उम्र के विधायक बनने का मौका मिला। 2012 के परिसीमन के बाद सीसामऊ विधानसभा से चुनाव लड़ें और जीत हासिल की। तब से लगातार विधायक बनते चले आ रहे हैं।
इन्होंने दर्ज कराया मुकदमा
जाजमऊ थाना क्षेत्र की रहने वाली फातिमा की तहरीर पर 8 नवंबर 2022 में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें सपा विधायक इरफान सोलंकी उनके भाई रिजवान सोलंकी, शौकत पहलवान, इसराइल आटेवाला और मोहम्मद शरीफ शामिल है। एमपी एमएलए कोर्ट ने 125 पेज की लिखित बहस, अभियोजन पक्ष से 18 और बचाव पक्ष से तीन गवाही होने के बाद अदालत में 348 पेज का फैसला सुनाया। जिसमें सभी को दोषी पाया गया और 7 साल की सजा और 30500 रूपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।