Big statement of Higher Education Minister
कटनी. प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार गुरुवार रात वंदेभारत एक्सप्रेस से कटनी पहुंचे। सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों से भेंट की। विधायक मुड़वारा संदीप जायसवाल, भाजपा अध्यक्ष दीपक टंडन सोनी और नगर निगम अध्यक्ष मनीष पाठक सहित जिला प्रशासन के अधिकारी, तिलक कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुधीर कुमार खरे, गल्र्स कॉलेज प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात आदि मौजूद रहीं।
उच्च शिक्षा मंत्री ने रतलाम जिले के सीएम राइज शासकीय विनोबा हायर सेकंडरी स्कूल की उपलब्धि पर खुशी जताई। उन्होंने बताया कि रतलाम का यह स्कूल वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बना चुका है और इससे मध्यप्रदेश की शिक्षा नीति को एक नई दिशा मिली है। मंत्री परमार ने कहा कि बीजेपी सरकार 2020 से ही शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कार्य कर रही है। इस मेहनत का परिणाम है कि आज रतलाम का सीएम राइज स्कूल न केवल भारत में, बल्कि विश्व पटल पर भी अग्रणी स्थान पर है।
टी-4 एजुकेशन संस्था ने घोषित किया रतलाम का स्कूल विश्व का सर्वश्रेष्ठ
लंदन की ग्लोबल एजुकेशन संस्था टी-4 एजुकेशन ने हाल ही में घोषणा की कि 100 से अधिक देशों के हजारों स्कूलों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद रतलाम का सीएम राइज शासकीय विनोबा हायर सेकंडरी स्कूल शीर्ष स्थान पर आया है। यह उपलब्धि विशेष रूप से ‘इनोवेशन कैटेगरी’ में मिली है, जिसमें यूके और थाईलैंड जैसे देशों के प्रतिष्ठित स्कूल भी शामिल थे।
2003 के पहले कितने कॉलेज थे?
कटनी में मेडिकल और इंजीनियर कॉलेज अबतक न खुलने को लेकर मंत्री ने कहा कि 2003 के पहले मप्र में कितने मेडिकल कॉलेज थे। जबसे पीएम नरेंद्र मोदी बने हैं और प्रदेश में भाजपा सरकार आई है, कॉलेज खुल रहे हैं। कटनी में भी मेडिकल कॉलेज खुलेगा। प्रदेश के सभी जिलों में यह व्यवस्था होगी। मप्र में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए 2020 से प्रयास शुरू हुए हैं। विश्व स्तरीय शिक्षा हम अपने बच्चों को दे सकते हैं। भारत के संदर्भों के साथ विश्व के मापदंडों को लेकर शैक्षणिक संस्थान काम कर रहे हैं। कई सरकारी व निजी स्कूल काम कर रहे हैं।
धरने से नहीं बदलेंगे परिणाम
गल्र्स कॉलेज में जारी हुए खराब परिणाम को लेकर कहा कि धरना प्रदर्शन से परिणाम नहीं बदलेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता है। परीक्षार्थी छुद कॉपी देख सकेंगे। कटनी में सर्वे कराते हुए माईनिंग कॉलेज की आवश्यकता होगी तो खोलेंगे। हर किसी की मांग को हम पूरा नहीं कर सकते। रोजगार मूलक शिक्षा विद्यार्थियों को दी जा रही है। छात्रसंघ चुनाव को लेकर सहमति बन गई है। शीघ्र चुनाव कराए जाएंगे। जॉब के लिए रोजगार मेल लग रहे हैं। अभी तक की शिक्षा नीति में डिग्री और डिप्लोमा देने का काम होता था। रोजगार देने पर विचार ही नहीं हुआ।