Logistics hub not built in eight years
कटनी. जिले में विकास कार्यों को लेकर अफसर गंभीर है न ही जनप्रतिनिधि। मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय, एयर स्ट्रिप, रिंग रोड सहित कई बड़े कार्यों में लेटलतीफी हावी रही है। यही हाल अब जिले में प्रस्तावित लाजिस्टिक हब परियोजना का है। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जमीन आवंटित होने के आठ वर्षों बाद भी अबतक कागजी घोड़े दौड़ रहे है और परियोजना ठप होती नजर आ रही है।
जानकारी के अनुसार रीठी तहसील के सिमरा गांव में करीब 32.63 हेक्टेयर में बनने वाले लाजिस्टिक हब परियोजना पर खतरा मंडरा रहा है। यहां खाद्य विभाग को लाजिस्टिक हब परियोजना के क्रियान्वयन के लिए उद्योग विभाग से दी गई जमीन अब वापस मांगी गई है। मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने इस संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखा है और कहा है कि खाद्य विभाग को जमीन तो आवंटित कर दी गई है कि लाजिस्टिक हब परियोजना के क्रियान्वयन के लिए अबतक कुछ नहीं किया गया है।
वर्ष 2016 में आवंटित की गई थी जमीन
जानकारी के अनुसार रीठी तहसील के सिमरा में उद्योग विभाग को औद्योगिक पार्क के लिए 178.77 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी। इसके बाद यहां लाजिस्टिक हब परियोजना के लिए खाद्य विभाग को वर्ष 2016 में 32.63 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई। बताया गया कि यहां लाजिस्टिक हब का बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सांसद ने 10 माह पहले किया था निरीक्षण
जानकारी के अनुसार सांसद विष्णुदत्त ने 8 जनवरी 2024 को लाजिस्टिक हब परियोजना का स्थल निरीक्षण किया था। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जल्दी कदम उठाने निर्देश दिए थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
इसलिए जरूरी है लॉजिस्टिक हब
मल्टी मॉडल लाजिस्टिक हब बनने से जिले में निवेश बढेगा और कटनी की देश में भौगोलिक केन्द्र बिन्दु में होने का भी फायदा मिलेगा। यहां पश्चिम मध्य रेल्वे का कटनी सबसे बड़ा रेल जंक्शन है यहां से बीना, जबलपुर , सतना बिलासपुर के माध्यम से देश भर में 5 दिशाओं में रेल कनेक्शन सेवा और सिंगरौली पूर्व से रेनूकोट, मुगलसराय, हावडा और कोलकाता तक कनेक्टिविटी है। कटनी में देश का दूसरा सबसे बडा डीजल शैड है खनिज संपदा से समृद्ध कटनी में लाजिस्टिक हब खुलने से रोजगार के अवसर बढेंगे और क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।
इनका कहना
औद्योगिक पार्क के लिए एमपीआइडीसी को दी गई जमीन में से 32.63 हेक्टेयर भूमि खाद्य विभाग को लाजिस्टिक हब के लिए आंवटित की गई थी। अभी तक इस आवंटित भूमि पर किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं की जा रही है। इसलिए आवंटित जमीन वापस लेने के लिए पत्राचार किया गया है।
श्रृष्टि प्रजापति, कार्यकारी संचालक, एमपीआइडीसी
सिमरा में खाद्य विभाग को आवंटित जमीन वापस किए जाने के लिए पत्र मिला है। योजना का क्रियान्वयन वेयरहाउस कार्पोरेशन के माध्यम से किया जाना है। वेयर हाउस कार्पोरेशन को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है।
सज्जनसिंह परिहार, जिला आपूर्ति अधिकारी