Mines are being closed
कटनी. नगर निगम सीमा क्षेत्र में स्थित जलस्रोतों (खदानों), तलैया पर अवैध कब्जे और भराव को लेकर मनमानी जारी है। लगातार कारोबारी इनके अस्तित्व को समाप्त कर रहे हैं। इस मामले को पत्रिका ने १७ फरवरी के अंक में ‘जलस्रोतों पर संकट: माफिया व कारोबारियों का कब्जा, प्रशासन मौन’ नामक शीर्षक से उजगार किया है। इस मामले में नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्व विभाग व जिला प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। पार्षद मिथलेश जैन ने इस गंभीर मामले को उठाते हुए अनुविभागीय दंडाधिकारी को पत्र सौंपा है। पत्र में नगर निगम क्षेत्र की 19 पुरानी खदानों की दुर्दशा का उल्लेख करते हुए, इनके संरक्षण की मांग की गई है।
शहर के मदन मोहन चोरे वार्ड, वंशरुप वार्ड, कावसजी वार्ड, विवेकानंद वार्ड, भट्टा महलता और टिकरिया क्षेत्र में स्थित खदानों में वर्षों से पानी भरा है। इनमें से कुछ जलस्रेातें नगर निगम द्वारा जल आपूर्ति के लिए भी उपयोग किए जाते हैं। साथ ही, इन खदानों की मौजूदगी से भूजल स्तर ऊंचा बना रहता है, जिससे लोगों को आसानी से पानी उपलब्ध हो जाता है।
शासन के आदेश के बाद भी पुराव
मिथलैन जैन ने कहा है कि 2010 में अनुविभागीय दंडाधिकारी ने धारा 133 दप्रसं के तहत आदेश पारित किया था कि इन जलस्रोतों को किसी भी स्थिति में भरा नहीं जाएगा और इनकी सफाई व सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। बावजूद इसके, नगर निगम एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। वर्तमान में वल्लभदास अग्रवाल वार्ड स्थित लल्लूभैया की तलैया समेत कई खदानों को मलबा डालकर भरने की शिकायतें मिली हैं। खदानों पर माफिया और कारोबारियों का कब्जा बढ़ रहा है, जबकि प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
यह की गई है मांग
पार्षद मिथलेश जैन ने मांग रखी है कि 19 खदानों को निस्तार पत्रक (वाजबुल अर्ज) में दर्ज किया जाए, जलस्रोतों को भरने की कार्रवाई तत्काल रोकी जाए, जिन खदानों को भर दिया गया है, उन्हें पुनर्जीवित करने का आदेश दिया जाए, धारा 188 (नवीन धारा 223 भारतीय न्याय संहिता) के तहत आदेश उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। पार्षद जैन ने इससे पहले भी 21 नवंबर को इस विषय में पत्र सौंपा था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।