
Pollution increased in Katni city
कटनी. शहर की हवा दूषित होती जा रही है, लेकिन इसके विपरीत नगर निगम के दावे हवा में तैरते दिखाई देते हैं। निगम कहता है कि कटनी में वायु गुणवत्ता ‘ठीक’ है, लेकिन वास्तविकता यह है कि पिछले नवंबर माह की बात करें कटनी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 200 के पार दर्ज किया जा रहा था। यह स्तर सीधे ‘खराब’ श्रेणी में आता है, जिसका मतलब है कि हवा में मौजूद धूलकण, धुआं और प्रदूषक तत्व नागरिकों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं। सवाल यह है कि जब शहर सांस लेने लायक भी नहीं बचा, तब आखिर नगर निगम क्यों उपाय नहीं कर रहा है। हालांकि दिसंबर में आंकड़ा कुछ ठीक हुआ है।
जानकारी के अनुसार शहर के कुछ क्षेत्रों में सुबह और शाम के समय एक्यूआई 210 से 260 के बीच दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा साधारण नहीं है। 200 पार एक्यूआई का मतलब है कि हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा खतरनाक तौर पर बढ़ चुकी है। पीएम 2.5 बेहद खतरनाक कण होते हैं, जो फेफड़ों के भीतर तक पहुंचकर सांस की तकलीफ, दमा, खांसी और हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा देते हैं। शहर की गलियों, बाजारों, बाईपास और औद्योगिक क्षेत्रों में जो धूल उड़ रही है, वही सीधे लोगों की सांसों में जा रही है। कई नागरिक बता रहे हैं कि सुबह घर से निकलते ही नाक और गले में जलन महसूस होने लगी है। बच्चों और बुजुर्गों में खांसी की शिकायत तेजी से बढ़ी है। शहर के लिए एक्यूआई 200 पार होना बेहद चिंताजनक है, क्योंकि यहां औद्योगिक व भारी यातायात का सीधा असर हवा की गुणवत्ता पर पड़ता है। लेकिन चिंता की बात यह है कि प्रशासन इस बिगड़ती स्थिति पर गंभीरता से कार्रवाई करता हुआ नहीं दिख रहा।
नगर निगम का कहना है कि शहर में नियमित पानी छिडक़ाव हो रहा है, धूल नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं, निर्माण स्थलों की निगरानी की जा रही है और प्रदूषण रोकने के लिए टीमों को तैनात किया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत हर दावे को झुठला रही है। मुख्य सडक़ें हों या गलियां अधिकांश स्थानों पर महीनों से धूल जमी है। पानी छिडक़ाव सिर्फ कुछ मुख्य मार्गों तक सीमित है। कई क्षेत्रों जैसे बाईपास, पन्ना मोड, माधवनगर, मॉडल रोड में धूल हवा में उड़ती रहती है।
शहर में कई जगह निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन इन पर न तो कवर लगाया जा रहा है और न ही पानी डाला जा रहा है। निर्माण सामग्री खुले में फेंकी रहती है, जिससे धूल हवा में फैलती है। शहर के मुख्य मार्गों में ही बिना नेट व पर्याप्त इंतजाम किए भवन बन रहे हैं। इन मार्गों से अधिकारी प्रतिदिन होकर गुजरते हैं लेकिन नियमों का पालन करवाने की जहमत नहीं उठाते।
शहर कई औद्योगिक यूनिटें हैं, जिनसे निकलने वाला धुआं और धूल वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है। लेकिन इनसे उत्सर्जन पर नियंत्रण की कार्रवाई बेहद कमजोर है। शहरवासी बताते हैं कि रात 9 बजे से लेकर सुबह तक हवा और अधिक भारी महसूस होती है। इसका कारण है कि भारी वाहनों की रात में अधिक आवाजाही, तापमान गिरने से प्रदूषक नीचे जमा होना, औद्योगिक धुएं का फैलाव है। सुबह की हवा में धुंध दिखाई देती है, जो असल में प्रदूषण की परत है।
कई क्षेत्रों में रह रहे लोगों ने बताया कि हवा इतनी खराब हो गई है कि घरों में भी धूल जमा हो रही है। माधवनगर, पुरैनी क्षेत्र में सुबह बच्चों को खांसी की शिकायत, शहर में गाड़ी खड़ी करो तो एक दिन में धूल की मोटी परत, उप नगरीय क्षेत्र में हर समय धूल उडऩे से सडक़ जैसे धुंधली लगती है, कलेक्टे्रट मार्ग धुआं और फॉग जैसा मिश्रण, शहर में आम हो चुके हैं।
नगर निगम द्वारा शहर की सडक़ों से धूल-मिïट्टी साफ करने के लिए स्वच्छता अभियान के तहत लगभग एक करोड़ रुपए लागत की रोड स्वीपिंग मशीन क्रय की है। यह मशीन कुछ दिनों तक चली और उसके बाद खराब पड़ी है। नगर निगम के बस स्टैंड स्थित ऑडिटोरियम में शोपीस पड़ी है। नगर निगम के अफसर शीघ्र सुधार कार्य कराए जाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अबतक मशीन ठीक नहीं कराई गई। रोड स्वीपिंग मशीन के साथ ही और मशीनें नगर निगम ने सफाई के नाम पर क्रय की हैं, लेकिन वे कहीं चलती नहीं दिख रहीं।
शहर में प्रदूषण की स्थिति नवंबर माह में बेहद खराब रही है। 9 से 14 नवंबर तक एक्यूआई 200 से 243 तक रहा, जबकि 16, 18, 19, 20, 22, 23, 36 नवंबर को भी एक्यूआई 200 के पार रहा है, जबकि शेष दिनों में 200 के आसपास रहा है। दिसंबद माह में हालात सुधरे हैं। एक दिसंबर को 143, दो सिंबर को 147, 3 दिसंबर को 172, 4 दिसंकर को 113, 5 दिसंबर को 113, 6 दिसंबर को 113, 7 दिसंबर को 168, 8 दिसंबर को 166 और 9 दिसंबर को 117 एक्यूआई रहा है।
जिला अस्पताल के पूर्व सिएस व सीएमएचओ डॉ. एसके शर्मा का कहना है कि एक्यूआइ 200 के पार होने पर कई समस्याएं जन्म लेंगी। यह बीमारी का कारण बनता है। अस्थमा मरीजों की संख्या तो बढ़ेगी ही साथ मरीजों की हालत बिगड़ेगी, बच्चों में फेफड़ों का विकास प्रभावित होगा, बुजुर्गों में सांस और दिल की बीमारियां बढ़ेंगी, आंखों में जलन और सिरदर्द सामान्य हो जाएगा।
ये उठाने होंगे जरूरी कदम
यह भी है जरूरी
एक माह पहले नगर निगम को प्रदूषण विभाग ने पत्र लिखा था। शहर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की थी। बेहतर सफाई कराने, पानी का छिडक़ाव कराने व रोड स्वीपिंग मशीन चलवाए जाने कहा गया था, ताकि शहर में प्रदूषण कम हो और एक्यूआई का स्तर सुधर सके।
वर्जन
शहर में एक्यूआई में सुधार है। लगातार सफाई व्यवस्था बेहतर कराई जा रही है। पानी का छिडक़ाव भी हो रहा है। रोड स्वीपिंग मशीन का शीघ्र सुधार कराकर सडक़ें साफ कराई जाएंगी। प्रदूषण फैलाने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
तपस्या परिहार, आयुक्त नगर निगम।
Published on:
10 Dec 2025 09:14 pm
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