
protest in nagar nigam katni
कटनी. नगर निगम क्षेत्र में बदहाल मूलभूत सुविधाओं, भ्रष्टाचार और झुग्गी बस्तियों के दर्जनों गरीब परिवारों को अब तक मालिकाना हक न मिलने के विरोध में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में महिलाओं व पुरुषों ने बुधवार को नगर निगम कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम कर रोष जताया और नगर निगम प्रशासन की लापरवाही पर कड़ा ऐतराज जताया। प्रदर्शन का नेतृत्व कार्यकारी जिला अध्यक्ष एड. अनिल सिंह सेंगर ने किया। उन्होंने बताया कि नगर निगम के कई वार्डों में पीने के स्वच्छ पानी की आपूर्ति बाधित रहती है, नालियों की सफाई नहीं होती, कचरा प्रबंधन अव्यवस्थित है, सडक़ और स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाएं बदहाल स्थिति में हैं। बगिया टोला, मदन मोहन चौबे वार्ड सहित विभिन्न झुग्गी बस्तियों में आज भी पक्की सडक़, शौचालय और नियमित पानी तक उपलब्ध नहीं है, जिससे नागरिक गंदगी और बीमारियों के जोखिम में रहने को मजबूर हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि गरीब और मजदूर परिवार दशकों से बिना मालिकाना हक के झुग्गियों में रह रहे हैं, जबकि राज्य सरकार की ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ योजना का लाभ अभी तक पात्र परिवारों तक नहीं पहुंच पाया है।
अनिल सिंह सेंगर ने आरोप लगाया कि महापौर प्रीति संजीव सूरी एक एनजीओ के माध्यम से सिविल लाइन में रेस्टहाउस के सामने सरकारी भूमि पर कब्जा जमाएं हैं, उनका अतिक्रमण हटाया जाए। इस मामले में आयुक्त सवाल का जवाब देने से बच रही हैं। सेंगर ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी अपने परिवार वालों को ठेका दे रहे हैं। संस्था में भ्रष्टाचार चरम पर है। सिविल लाइन में अतिक्रमण मामले को लेकर एसडीएम प्रमोद चतुर्वेदी का कहना है कि अभी हमें इस संबंध में कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
चक्काजाम के दौरान नगर निगम के दोनों ओर मुख्य मार्ग में भीषण जाम लग गया था। नगर निगम से लेकर अहिंसा तिराहा व जिला अस्पताल मार्ग, उधर मिशन चौक तक जाम लग गया था। जाम में एंबुलेंस फंसी हुई थी। कई लोग आवश्यक काम से जा रहे थे, जिन्हें चक्काजाम का सामना करना पड़ा। इस दौरान फायर ब्रिगेड वाहन को भी मशक्कत का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस-प्रशासन असहाय नजर आया। चक्काजाम की अनुमति नहीं थी, इसके बाद आप पार्टी के नेतृत्व में लोगों ने सडक़ बंद कर दी, जिससे लोग परेशान हुए। इस दौरान कोतवाली पुलिस व राजस्व विभाग के अधिकारी, नगर निगम प्रशासन के अधिकारी मोर्चा नहीं संभाल पाए। उनका यही कहना था कि चक्काजाम खुलवाने में सख्ती करनी पड़ेगी, कहीं वीडियो बन गया तो हम ही निपट जाएंगे।
प्रदर्शनकारियों की बात सुनने के लिए उपायुक्त शैलेष गुप्ता अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा आयुक्त ने मुझे ज्ञापन लेने कहा है, लेकिन प्रदर्शनकारी इस मांग पर अड़े थे कि वे आयुक्त मैडम को ही समस्या बताएंगे। उपायुक्त ने कहा कि पांच लोग अंदर चलकर मैडम से मिल लें, आपकी बात सुनी जाएगी, लगातार आयुक्त चक्काजाम खत्म करने, ज्ञापन सौंपने, उनकी मांगों के निराकरण कराए जाने के संबंध में आवश्यक पहल करने की बात करते रहे, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने।
एक घंटे से अधिक समय तक जब चक्काजाम के कारण हडक़ंप मचा तो एसडीएम प्रमोद चतुर्वेदी पहुंचे, उन्होंने ज्ञापन लेने की बात कही तो प्रदर्शकारियों ने मना कर दिया। अनिल सिंह सेंगर ने कहा कि आयुक्त मैडम एसी चेम्बर क्यों नहीं छोड़ रहीं हैं। हम दो घंटे से मांगों को लेकर खड़े हैं। एसडीएम ने कहा कि आप रास्ता बंद नहीं कर सकता, कानून का उल्लंघन तो महिलाएं व प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो उठे और कहा कि हम गरीबों की मैडम क्यों नहीं सुन रहीं हैं। भ्रष्टारियों को बचा रही हैं। यदि हमारी मांग नहीं सुनना तो फिर हमें जेल भेज दो।
जब नगर निगम आयुक्त तपस्या परिहार ज्ञापन लेने नहीं पहुंचीं तो प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और कहा कि यह आयुक्त की तानाशाही है, जो गरीबों का ज्ञापन लेना भी मुनासिब नहीं समझ रहीं हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम तो ज्ञापन आयुक्त को ही सौपेंगे। जब आयुक्त नहीं आईं तो वे कुत्ते को ज्ञापन देेने के लिए ढूंढऩे लगे और फिर कुछ देर बाद माचिस मारकर ज्ञापन को जला दिया और कहा कि वे अब भोपाल कूछ करेंगे और जरुरत पड़ी तो नगर निगम के सामने आमरण अनशन किया जाएगा।
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नगर निगम में सभी लोगों से मिलती हूं, उनकी समस्याएं सुनती हूं। प्रदर्शनकारियों का ज्ञापन लेने टीम को भेजा गया था। पांच सदस्यों को बुलवाकर मिलने भी कहा गया था, लेकिन वे नहीं माने। महापौर द्वारा किए गए सिविल में कब्जे की जांच कराई जाएगी।
तपस्या परिहार, आयुक्त नगर निगम।
Published on:
11 Dec 2025 06:20 am
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