MP Mining Conclave: एमपी के खनन क्षेत्र को 56,414 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। कंपनियों के निवेश से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। सरकार ने नीतियों में बदलाव कर उद्योगों को राहत दी।
MP Mining Conclave:प्रदेश की दूसरी माइनिंग कॉन्क्लेव में शनिवार को 56,414 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। कटनी में हुई कॉन्क्लेव में अलग-अलग कंपनियों ने 22,190 करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिए है। मुख्य खनिजों के 9 ब्लॉक और कोयले के दो ब्लॉक की नीलामी से विभाग को 34,224 करोड़ रुपए मिले हैं। इस प्रकार माइनिंग कॉन्क्लेव में कुल 56,414 करोड़ के प्रस्ताव मिले हैं। सबसे बड़ा निवेश प्रस्ताव सिंघल बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड ने 15 हजार करोड़ का दिया।
सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने निवेशकों से कहा, आइए। मध्यप्रदेश से जुड़िए। यहां पर्याप्त लैंड बैंक है, अच्छी कनेक्टिविटी के साथ भरपूर बिजली-पानी है। खनिजों का भंडार है। भविष्य में एयर कार्गो की सुविधा भी मिलेगी। दो मेट्रोपोलिटन सिटी भी बन रही हैं। सरकार निवेशकों को पूरा सहयोग करेगी।
सीएम ने कहा कि 25 अगस्त को कटनी और पन्ना को मेडिकल कॉलेज की सौगात भी मिलने जा रही है। इस दिन पीपीपी मोड पर 4 मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए एमओयू किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, कटनी में खनिजों का भंडार है। क्रिटिकल और माइनर मेटल भी मिल रहे हैं। पन्ना में हीरे मिलते हैं तो कटनी में सोना मिलने की संभावना है। राज्य सरकार ने सभी क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के पारदर्शी नीतियां लागू की है।
सीएम ने कहा, 27 अगस्त को उज्जैन में स्प्रिचुअल कॉन्क्लेव और ग्वालियर में 31 अगस्त को टूरिज्म कॉन्क्लेव करेंगे। राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगाकार कार्य कर रही है। जैसे हमारी सीमा पर जवान और खेतों में किसान काम करते हैं, वैसे ही हमारे उद्योगपति भी अपना धन और श्रम लगाकर उद्योग शुरू करते हैं। वे खुद रिस्क लेकर कई लोगों को रोजगार देकर उनका घर चलाते हैं।
कार्यक्रम में सरकार ने तीन महत्वपूर्ण एमओयू भी किए। क्रिटिकल मिनरल की खोज, प्रसंस्करण और संवर्धन के लिए कोल इंडिया के साथ एवं खनन क्षेत्र में एआइ, आईओटी, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग के उपयोग के मद्देनजर आइआइटी धनबाद की टेक्समिन आइएसएम के साथ और खनिज अन्वेषण अनुसंधान के लिए भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल के साथ एमओयू साइन किए। (critical minerals mining)
प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस लिए 29 तरह की की अनुमतियों को कम कर 10 किया। को लागू करते हुए उद्योगों के अम कानून में बदलाव कर महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी। श्रमिकों के कल्याण के लिए भी कानून में में संशोधन किए गए हैं।